पाली.जिले की जीवन रेखा माना जाने वाला कपड़ा उद्योग एक बार फिर से इस संकट के काले बादलों के बीच नजर आ रहा है. उद्यमियों की लापरवाही लगातार पाली में कपड़ा उद्योग को खत्म होने की कगार पर ला दिया है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से अब पाली की 52 फैक्ट्रियों पर नियमों के उल्लंघन के चलते 10- 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
52 फैक्ट्रियों पर लगाया 10-10 लाख का जुर्माना पढ़ें:संकट में जीवनः पाली में भी बढ़ रहा प्रदूषण, गर्भ में पल रहा बच्चा भी नहीं सुरक्षित
इस जुर्माने के बाद में पाली के कपड़ा उद्योग में एक बार फिर से हलचल शुरू हो चुकी है. वहीं इस फाइन के बाद एक बार फिर से एनजीटी के कड़े रुख को भी पाली के कपड़ा उद्योग पर देखने की आशंका साफ तौर पर नजर आ रही है.
गौरतलब है कि प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी लगातार यहां के प्रशासन व सीटीपी को निर्देश जारी कर रही है. इन इन निर्देशों के तहत प्रदूषण नियंत्रण मंडल को पाली के सभी कपड़ा इकाइयों का निरीक्षण करने के कर जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था. प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से पाली की सभी 600 कपड़ा इकाइयों की जांच की गई. जिनमें से 52 कपड़ा इकाइयों में संचालित हो रहे प्लांट एनजीटी के मानकों पर खरे नहीं उतरे थे.
पढ़ें:रियलिटी चेक: पाली में बांडी नदी के किनारे 1 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जमीन बंजर, अब फिर से जीवन देने के कयास
ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड की ओर से इन सभी कपड़ा इकाइयों पर 10 - 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन 52 फैक्ट्रियों में ज्यादातर फैक्ट्रियां सीईटीपी के पूर्व पदाधिकारियों की है.