पाली. जिले के देसूरी थाना क्षेत्र के नारलाई निवासी गवरा सरगरा की हत्या एक अनसुलझी पहेली बनकर सामने आ रही है. इस हत्या कांड को अंजाम देने वाले आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस पिछले 22 दिनों से देसूरी में अपना कैम्प डाले हुए है. लेकिन, अब तक इस मामले में कोई भी अहम सुराग हाथ नहीं लग पाई है.
गवरा मर्डर मिस्ट्री में 24 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली बता दें कि गवरा की हत्या के बाद से ही सरगरा समाज में खास विरोध देखने को मिल रहा है. समाज की ओर से इस हत्याकांड को लेकर जल्द से जल्द खुलासा करने की मांग की जा रही है. इसको लेकर देसूरी और पाली में कई बार समाज के विरोध प्रदर्शन भी हो चुके हैं.
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सोमवार को सरगरा समाज समिति ने पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा से मुलाकात की. इस मुलाकात में समिति के लोगों ने इस मामले को जल्द से जल्द खोलने की मांग की है. इसके साथ ही समिति के सदस्यों और मृतक गवरा के परिजनों ने पुलिस पर मृतक के परिवार को ही परेशान करने का आरोप लगाया है.
शक के आधार पर कुछ लोगों को ट्रेस किया है
इस मामले में पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि गवरा हत्याकांड का खुलासा करने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. इसके साथ ही पुलिस के सभी एक्सपर्ट ने भी देसूरी में ही अपना कैम्प डाल रखा है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने शक के आधार पर कुछ लोगों को ट्रेस किया है. जल्द ही इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी को पकड़ लेगी.
गवरा की हत्या के बाद सरगरा समाज की ओर से बनाई गई संघर्ष समिति के सदस्यों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा. समिति के सदस्यों ने बताया कि पुलिस की ओर से गवरा की हत्या को लेकर शक के आधार पर गवरा के परिजनों और उनके परिचितों को ही परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर अगले 7 दिन में हत्या का पुलिस राज नहीं खोलेगी तो समाज की ओर से जिला मुख्यालय पर आंदोलन किया जाएगा.
कई नेताओं ने इस मामले पर किया था ट्वीट
बता दें कि, देसूरी थाना क्षेत्र के नारलाई निवासी गवरा सरगरा 4 दिसम्बर को अपने खेत से गायब हो गई थी. परिजनों ने गवरा के अपहरण की बात कही. 5 दिसम्बर को खेत से 1.5 किमी दूर उसका जंगल में शव मिला था. उसकी धारदार हथियार से निर्मम हत्या की गई थी. ऐसे में पाली में हुई इस निर्मम हत्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सहित विपक्ष के कई नेताओं ने इस मामले पर ट्वीट किया था.
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हत्यारों का कोई सुराग नहीं
इस मामले के राजनीति तूल पकड़ने के बाद सरकार की नजर भी इसी मामले को हल करने पर ठहर गई. इसके बाद पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा 10 दिनों तक देसूरी में कैम्प डालकर बैठे रहे. आईजी सचिन मित्तल भी देसूरी पहुंचे और जोधपुर सम्भाग के सभी एक्सपर्ट अभी भी देसूरी में इस मामले को खोलने के लिए कैम्प डालकर बैठे हैं. इस हत्याकांड को 24 दिन बीतने को आए हैं, लेकिन अभी तक हत्यारों का कोई सुराग नहीं लग सका है.