राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

SPECIAL : आधुनिक चिकित्सा पद्धति को छोड़ लोग फिर से अपना रहे प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां

लोग इन चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से अपने गंभीर से गंभीर रोगों को दूर कर रहे हैं. इसके उदाहरण पाली में लगातार सामने आ रहे हैं. जब लोगों ने महंगी और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को नकारते हुए आयुर्वेद और भारत की पुरानी चिकित्सा पद्धतियों पर विश्वास जताया है.

Pali Neuropathy Treatment Center, Indian Ancient Treatment System,  Treatment Practices in India
पाली में बदल रही लोगों की इलाज कराने की सोच

By

Published : Mar 14, 2021, 7:27 PM IST

पाली. आधुनिक चिकित्सा की बात करें तो आज के समय में हर रोग का उपचार संभव है. अब उसके लिए भले ही चिकित्सा प्रणाली का कोई भी कदम उठाना पड़े. लेकिन कोरोना संक्रमण के दौर में लोग अब एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को छोड़ भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को अपनाना शुरू कर चुके हैं.

पाली में न्यूरोपैथी से बढ़ रहा इलाज

लोग इन चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से अपने गंभीर से गंभीर रोग को दूर कर रहे हैं. इसके उदाहरण पाली में लगातार सामने आ रहे हैं. जब लोगों ने महंगी और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को नकारते हुए आयुर्वेद और भारत की पुरानी चिकित्सा पद्धतियों पर विश्वास जताया है.

पाली में बदल रही लोगों की इलाज कराने की सोच

बढ़ते प्रदूषण और लापरवाह जीवन प्रणाली ने आम इंसान के शरीर को रोग का घर बना दिया है. अब 25 वर्ष की उम्र के बाद लोगों में कई तरह के रोग उभरकर सामने आ रहे हैं. जिनकी अपेक्षा कभी किसी ने नहीं की थी. अपने जीवन को बचाने और इन रोगों को हटाने के लिए लोग महंगे से महंगे अस्पतालों में एलोपैथिक उपचार करवा रहे हैं. कई बार रोग से निजात पाने के लिए अपने शरीर में ऑपरेशन भी करवा रहे हैं.

आधुनिक चिकित्सा पद्धति से लोगों का मोहभंग

इन सभी के बावजूद लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. ऐसे में पिछले कुछ साल में लोगों ने एलोपैथी उपचार को दरकिनार कर वैदिक काल के समय से चल रही प्राचीन भारतीय उपचार पद्धति को अपनाना शुरू कर दिया है. अगर इन रोग से जूझ रहे लोगों की मानें तो इन पुरातन पद्धति के उपचार प्रणाली से इन्होंने अपने जीवन को फिर से सुधारा भी है और और रोगों को भी भगाया है.

प्राचीन चिकित्सा तरीकों में बढ़ रहा विश्वास

पढ़ें- पति के नाम की मेहंदी भी नहीं उतरी... दुल्हन ने प्रेमी के साथ लगाई फांसी, एक ही पेड़ पर लटके मिले शव

पाली शहर में विभिन्न पद्धतियों से इलाज की प्रक्रिया काफी जगह देखने को मिल रही है. पाली में लोग आयुर्वेदिक उपचार और एलोपैथिक जैसे उसको से अपने शरीर के गंभीर से गंभीर बीमारियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने भी पानी में इसी तरह से एलोपैथिक उपचार के जरिए लोगों के रोग निदान करने की प्रक्रिया को समझा.

लोग फिर से अपना रहे प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां

रोग निदान केंद्र में हर उम्र के व्यक्ति बीमारियों से जूझते हुए नजर आए. अधिकतर इस रोग निदान केंद्र में घुटनों के दर्द, पैरों के दर्द, सर्वाइकल पेन और डायबिटीज के रोगी नजर आए कई रोगी ऐसे थे जिनकी उम्र 25 वर्ष से कम है. लेकिन बिगड़ती दिनचर्या और जंक फूड जैसे शौक ने इन लोगों को कम उम्र में ही रोगी बना दिया.

पाली में न्यूरोपैथी से करा रहे इलाज

ईटीवी भारत ने कई रोगियों से बात भी की है. उन लोगों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से वे अपनी अलग-अलग गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. उसके लिए देश के कई कोनों के बड़े अस्पतालों में भी उपचार भी करा चुके हैं. लेकिन पुराने बुजुर्गों के कहे पर उन्होंने भी इन पुरानी चिकित्सा पद्धतियों से भी अपना उपचार कराना चाहा और धीरे धीरे कर कई लोग ऐसे भी हैं जो पूरी तरह से स्वस्थ हो गए. जो लोग इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति से पूरी तरह से स्वस्थ हुए वे लोग अब आगे से आगे दूसरे लोगों को भी महंगे इलाज के बजाए भारत की परंपरागत विरासत के रूप में इन इलाज पद्धति से अपने रोग को दूर करवाने की सलाह दे रहे हैं.

सर्वाइकल पेन और डायबिटीज से मिल रही राहत

क्या है न्यूरोपैथी उपचार

न्यूरोपैथी रोग निदान केंद्र से जुड़े लोगों ने बताया कि न्यूरोपैथी भारत की प्राचीनतम एक चिकित्सा पद्धति है. इस चिकित्सा पद्धति में लोगों को उनके केंद्रबिंदु को उपचारित कर रोगों को दूर किया जाता है. जिससे उनकी ब्लॉकेज हो चुकी नसें, कमर दर्द, जांघों का दर्द, पैर का दर्द व हृदय की परेशानी सहित कई गंभीर रोगों के उपचार साधारण तरीके से होते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details