पाली. जिले की सबसे बड़ी कपड़ा इकाई महाराजा उम्मेद मील में कोराना काल के दौरान वेतन मांग को लेकर मजदूरों का हंगामे के बाद उपजा विवाद पाली पुलिस का पीछा नहीं छोड़ रहा है. इस विवाद के दौरान मजदूर नेता रामनाथ सिंह की न्यायिक अभिरक्षा में मौत हो गई थी.
इस घटना के बाद परिजनों द्वारा पुलिस अधिकारियों पर रामनाथ सिंह के साथ गंभीर मारपीट का आरोप लगाया गया था. साथ ही उसी से उसकी मौत का कारण भी बताया गया था. इस मामले में जब परिजनों ने राजस्थान उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तो उच्च न्यायालय की ओर से अब आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ औद्योगिक थाने में हत्या का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद में पाली पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है.
गौरतलब है कि 13 मई 2020 को महाराजा उम्मेद मील में काम करने वाले मजदूरों ने अपने वेतन मांग को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया था. इस हंगामे की सूचना मिलने के बाद पुलिस दल मौके पर पहुंचा था. पुलिस को देख श्रमिक भड़क गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. पुलिस की ओर से बल प्रयोग करते हुए सभी मजदूरों को मौके से खदेड़ा गया. इसके बाद करीब 100 से ज्यादा श्रमिकों को पुलिस ने हिरासत में लिया था. पुलिस ने मजदूरों द्वारा उपजे इस विवाद के पीछे मजदूर नेता रामनाथ सिंह को कारण माना और उसे औद्योगिक थाने लेकर गए. जहां परिजनों ने उसके साथ बेरहमी से पुलिस द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया.