पाली.जिले के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में कमिश्नर प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह की तरफ से पाली के प्रदूषण को लेकर पेश की गई रिपोर्ट को लेकर बुधवार को दिल्ली में सुनवाई होगी. रिपोर्ट में प्रदूषण के हालात काफी चौकाने वाले होने के कारण अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन, सदस्य सचिव, पाली के कलेक्टर और एसपी को भी व्यक्तिगत रूप से एनजीटी में तलब किया गया है.
इसके चलते इन अधिकारियों ने भी एनजीटी में होने वाले सवाल जवाब को लेकर कानूनीविदों का सहयोग लिया है. साथ ही सरकार की तरफ से अब तक प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में उठाए गए, कदमों को लेकर भी ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. दो दिन पहले ही अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चैयरमेन, सदस्य सचिव, कलेक्टर समेत जिले के कई अधिकारियों को जयपुर में बुलाकर साथ में बिंदुवार चर्चा की थी.
जानकारी के अनुसार पाली किसान पर्यावरण संघर्ष समिति द्वारा शहर की फैक्ट्रियों की तरफ से फैलाए जा रहे प्रदूषण को लेकर जनहित याचिका दायर कर रखी है. इस पर एनजीटी में सुनवाई की जा रही है. सुनवाई के दौरान सीईटीपी फाउंडेशन की तरफ से शहर के ट्रीटमेंट प्लांटों के काफी हद तक मानकों पर संचालित होने का दावा किया था.
इस पर एनजीटी के जज राघवेंद्र सिंह राठौड़ और सदस्य सत्यवान गबरियाल ने सुनवाई के दौरान बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस पिलानी के प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह को कमिश्नर नियुक्त कर भौतिक स्तर पर सत्यापन करने का कहा था. साथ ही 21 दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. सिंह ने 27 नवंबर को अपनी रिपोर्ट पेश की जो एनजीटी में काफी चौंकाने वाली थी.