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नहीं सुधर रहे पाली के हालात, मरीजों को ऑक्सीजन देना बनी प्राथमिकता

लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते पाली जिले के हालात खराब हैं. अस्पताल के बेड खाली हों, उससे पहले ओपीडी में मरीजों की लाइन लग रही है. प्रशासन के सामने भी गंभीर अवस्था में आ रहे इन मरीजों को बेड उपलब्ध करवाना सबसे बड़ी चुनौती है. इन सभी के बीच प्रशासन ने अब इन मरीजों की जान बचाने के लिए ओपीडी में ही मरीजों को ऑक्सीजन देने की रूपरेखा तैयार कर दी है.

oxygen supply in Pali, Corona in Pali
मरीजों को ऑक्सीजन देना बनी प्राथमिकता

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Published : May 11, 2021, 10:41 AM IST

पाली. जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात अभी भी खराब हैं. अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार गंभीर रूप से मरीज पाली आ रहे हैं. अस्पताल के बेड खाली हों, उससे पहले ओपीडी में मरीजों की लाइन लग रही है. प्रशासन के सामने भी गंभीर अवस्था में आ रहे इन मरीजों को बेड उपलब्ध करवाना सबसे बड़ी चुनौती है. इन सभी के बीच प्रशासन ने अब इन मरीजों की जान बचाने के लिए ओपीडी में ही मरीजों को ऑक्सीजन देने की रूपरेखा तैयार कर दी है.

नहीं सुधर रहे पाली के हालात

अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को सबसे पहले ऑक्सीजन उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि बेड मिलने तक मरीज को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो. इसको लेकर बांगड़ अस्पताल के कोरोना ओपीडी में ऑक्सीजन कंसल्टर लगाए गए हैं. जिनमें हर समय मरीज ऑक्सीजन लेते नजर आ रहे हैं.

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अधिकारियों ने बताया है कि पाली के बांगड़ अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 280 बेड रिजर्व किए हुए हैं. इन सभी बेड पर आने वाले मरीजों को ऑक्सीजन सहित सभी उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा है कि अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों को तुरंत प्रभाव से ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है. ऐसे में बांगड़ अस्पताल पर इन मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराना भी काफी मशक्कत का काम नजर आ रहा है.

साथ ही यह भी बताया कि कई मरीज ऐसे हैं. जिन्हें समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने से उनकी हालत और भी ज्यादा गंभीर हो रही है. कोई भी मरीज ऑक्सीजन की कमी से अपना दम ना तोड़े, इसको लेकर अब प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. बांगड़ अस्पताल में अतिरिक्त स्टाफ को भी नियुक्त किया गया है. साथ ही अस्पताल की ओपीडी के बाहर मरीज के आते ही उसकी तुरंत काउंसलिंग करवाने की जिम्मेदारी भी डॉक्टरों को दी है. ताकि प्राथमिकता से मरीज को उपचार मिले और उसे बेड मिलने तक राहत मिल सके.

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