पाली. जिले की सात नगरपालिका क्षेत्रों में मतगणना पूरी हो चुकी है. एक बार फिर से जिले की 5 नगर पालिका क्षेत्रों में भाजपा ने अपना स्पष्ट बहुमत बना लिया है. जहां तय हो चुका है, है कि इन पांच नगर निकाय क्षेत्रों में भाजपा नगर पालिका अध्यक्ष बनाने वाली है. इधर, सोजत और फालना में अभी भी कशमकश की स्थिति है. सोजत में नगर पालिका बोर्ड बनाने के लिए जातिगत फैक्टर सबसे ज्यादा बड़ी भूमिका निभाने वाला है. वहीं फालना में निर्दलीय इस बार नगर पालिका बोर्ड को तय करने वाले हैं.
कांग्रेस की ओर से इन 7 क्षेत्रों में अपना वोट बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए थे. बड़े नेताओं जिनमें में आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत सहित कई नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन इन सभी के बावजूद क्षेत्रों में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं का किसी भी प्रकार का रुझान नहीं देखने को मिला है. इधर, भाजपा की बात करें तो भाजपा की जमीनी स्तर पर की गई पकड़ भाजपा को पाली में एक बार फिर से जीत का जश्न मनाने के लिए अतुल कर चुकी है.
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पाली जिले की इंसान नगरपालिका क्षेत्रों के 195 वार्डों की बात करें, तो यहां 104 वार्ड ऊपर भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. वहीं कांग्रेस इस बार भी 59 सीटों पर सिमट कर रह गई है. इस बार निर्दलीय ने अपना आंकड़ा बढ़ाते हुए जिले की इन सात नगर पालिका क्षेत्र में 32 सीटों पर अपना कब्जा जमाया है. सबसे ज्यादा निर्दलीयों की बात करें तो फालना नगर पालिका क्षेत्र में 11 निर्दलीय अपनी सीटें जीतकर इस बार फालना में अपना बोर्ड बनाने वाले हैं.
सोजत में जातिगत फैक्टर करेगा काम
पाली जिले की सोजत नगर पालिका क्षेत्र के बात करें, तो यहां कांग्रेस ने 19 सीट, बीजेपी ने 20 सीट और एक सीट निर्दलीय ने जीती है. यहां पर सीधा मुकाबला दोनों ही बड़ी पार्टी के बजाय माली और घाची समाज के बीच में है. इन 40 सीटों पर दोनों ही पार्टियों के माली जाति के प्रत्याशी 13 जीते हैं. वहीं घाची समाज के दोनों ही पार्टियों के मिला के 9 प्रत्याशी सीटों पर जीत कर आए हैं.
इन दोनों ही समाज की ओर से यहां पर अपने प्रत्याशी को नगर पालिका चेयरमैन बनाने के लिए पूरी तरह से दांवपेच लगाए जा रहे है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस क्षेत्र में यह दोनों ही जाती अपने आप में सभी गणित में एक से बढ़कर एक है. अब देखना यह है कि 6 जनवरी को सोजत में नगर पालिका अध्यक्ष पर कौन कभी सोता है.
जैतरण में चौधरी की गणित हुई खराब
इन नगर निकाय चुनाव की बात करें तो चुनाव से पहले तक जैतारण को कांग्रेस इस बार अपने स्पष्ट बहुमत के तौर पर मान रही थी, लेकिन जब मतगणना के बाद रुझान आए तो कांग्रेस को यहां करारी मात खानी पड़ी है. कांग्रेस यहां मात्र 6 सीटों पर ही जीत कर सामने आई है. वहीं भाजपा यहां 14 सीटों पर स्पष्ट बहुमत के साथ सामने आई है. वहीं निर्दलीय पांच जीतकर सामने हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि जैतारण में पूर्व विधयक दिलीप चौधरी द्वारा पूरे राजनीतिक गणित तय किए गए थे, लेकिन यह गणित जैतारण में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं दिला पाए.