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SPECIAL: पाली में मानसून ने फिर दिया धोखा, आसमान की ओर टकटकी लगाए देखते रहे किसान - मानसून 2020 न्यूज

पाली में मानसून सीजन 15 जून से 15 सितंबर तक माना जाता है. इस सीजन में किसानों की जल को लेकर अधूरी आस पूरी होती है. लेकिन इस बार मानसून ने अब तक पाली को पूरी तरह से धोखा दिया है. अधिकारियों को उम्मीद थी कि गत वर्ष की तरह इस बार भी 15 अगस्त के बाद ही जिले में मानसून अपनी दस्तक देगा. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो पाया.

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पाली में इसबार मानसून ने दिया धोखा

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Published : Aug 24, 2020, 5:47 PM IST

पाली.जिले में 15 जून से मानसून सीजन की शुरुआत हुई थी, लेकिन अब तक पाली को कुछ खास राहत नहीं मिली है. मानसून सीजन खत्म होने में अब मात्र 20 दिन बचे हैं. ऐसे में अब सिर्फ जिले में छिटपुट बारिश की ही उम्मीदें की जा रही है. इन सभी के बीच जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की चिंताएं बढ़ने लगी है. जिले में मानसून सीजन के 2 महीने बीतने को हैं. लेकिन अब तक औसत बारिश भी अपना आंकड़ा पूरा नहीं कर पाई है.

पाली में इसबार मानसून ने दिया धोखा

इन सभी के बीच सबसे बड़ी चिंता पाली में 52 बांधों में अभी तक पानी की आवक ना के बराबर हुई है. ऐसे में अगर अब पाली में बचे मानसून सीजन में बारिश नहीं होती है तो पाली के इन 52 बांधों में पानी नहीं होने पर स्थितियां काफी गंभीर हो जाएगी. ऐसे में चिंता की लकीरें अब अधिकारियों के चेहरे पर साफ नजर आने लगी है. हालांकि अभी तक जल संसाधन विभाग के अधिकारी 15 सितंबर तक बारिश का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि अच्छी बारिश के बाद पाली के बांधों में पानी की आवक होगी जिससे आम जनता को राहत मिलेगी.

बांध में पानी की आवक हुई कम

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जिले में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की माने तो औसत की अभी तक 64% बारिश हो चुकी है. लेकिन इस बारिश के बाद भी जिले में लोगों को राहत नहीं मिल पाई है. जिले में औसत बारिश का आंकड़ा 476 एमएम माना जाता है और अभी तक सिर्फ 305 एमएम बारिश हो चुकी है. यह बारिश का आंकड़ा जल संसाधन विभाग की ओर से विभिन्न केंद्र बिंदु पर रखे वर्षा मापी यंत्र से लिया जाता है. लेकिन इस बार जो बारिश है वह अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग समय हो रही है. ऐसे में इस मापक का पूर्व अनुमान लगाना भी उचित नहीं है. पाली के कई क्षेत्र ऐसे हैं जो अभी भी एक या दो छुटपुट बारिश होने के बाद बारिश का इंतजार ही कर रहे हैं.

इस बार सुमेरपुर में सबसे कम बारिश

मानसून सीजन में अगर बारिश की बात करें तो पाली के सुमेरपुर क्षेत्र को सबसे अच्छा बारिश का स्थान माना जाता है. लेकिन इस बार मानसून ने सुमेरपुर को भी दगा दिया है. अभी तक की बात करें तो सुमेरपुर में मात्र 154 एमएम बारिश पूरे मानसून सीजन में हुई है. ऐसे में सुमेरपुर के ज्यादातर सभी तालाब और बांध अभी पानी का इंतजार ही कर रहे हैं. वहीं इसके बाद रानी सेक्टर में भी 186 एमएम ही बारिश हो पाई है. इसके साथ ही उपखंड क्षेत्र में 264 एमएम बारिश हुई है.

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बांधों में हुई नाममात्र पानी की आवक

पाली में दगा देता मानसून सभी बाधों को भी निराश कर रहा है. जिले के जवाई बांध की बात करें तो 20 अगस्त तक इसका गेज 19 फीट दर्ज किया गया है. इधर पाली में दूसरे बांधों की बात करें तो मीठड़ी, दातीवाडा, सादड़ी, कंटालिया, सिरियारी, हेमावास, बानियावास, रायपुर, गिरिनंदा, खारड़ा, सरदार समंद, राज सागर चोपड़ा, गजनई, लाटाडा, सेवाड़ी, बोमादड़ा और फुलाद के बांधों में नाम मात्र का पानी आया है.

शहर में बारिश की स्थिति

  • पाली में औसत 476.68 एमएम होती है बारिश
  • इस मानसून सीजन में अभी तक 305 एमएम ही हुई बारिश

जिले में है कुल 52 बांध

  • बांध में पानी की आवक 10 प्रतिशत भी नहीं
  • जिले के सबसे बड़े जवाई बांध में अभी तक 1 प्रतिशत पानी की आवक

उपखंड में बारिश की स्थिति

क्षेत्र औसत बारिश अभी तक हुई बारिश
रोहट 357.18 एमएम 282 एमएम
बाली 555.22 एमएम 342 एमएम
देसूरी 611.08 एमएम 345 एमएम
सोजत 415.99 एमएम 347 एमएम
मारवाड़ जंक्शन 369.92 एमएम 426 एमएम
जैतारण 405.45 एमएम 381 एमएम
सुमेरपुर 495.92 एमएम 187 एमएम

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