पाली.जिले में 15 जून से मानसून सीजन की शुरुआत हुई थी, लेकिन अब तक पाली को कुछ खास राहत नहीं मिली है. मानसून सीजन खत्म होने में अब मात्र 20 दिन बचे हैं. ऐसे में अब सिर्फ जिले में छिटपुट बारिश की ही उम्मीदें की जा रही है. इन सभी के बीच जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की चिंताएं बढ़ने लगी है. जिले में मानसून सीजन के 2 महीने बीतने को हैं. लेकिन अब तक औसत बारिश भी अपना आंकड़ा पूरा नहीं कर पाई है.
इन सभी के बीच सबसे बड़ी चिंता पाली में 52 बांधों में अभी तक पानी की आवक ना के बराबर हुई है. ऐसे में अगर अब पाली में बचे मानसून सीजन में बारिश नहीं होती है तो पाली के इन 52 बांधों में पानी नहीं होने पर स्थितियां काफी गंभीर हो जाएगी. ऐसे में चिंता की लकीरें अब अधिकारियों के चेहरे पर साफ नजर आने लगी है. हालांकि अभी तक जल संसाधन विभाग के अधिकारी 15 सितंबर तक बारिश का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि अच्छी बारिश के बाद पाली के बांधों में पानी की आवक होगी जिससे आम जनता को राहत मिलेगी.
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जिले में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की माने तो औसत की अभी तक 64% बारिश हो चुकी है. लेकिन इस बारिश के बाद भी जिले में लोगों को राहत नहीं मिल पाई है. जिले में औसत बारिश का आंकड़ा 476 एमएम माना जाता है और अभी तक सिर्फ 305 एमएम बारिश हो चुकी है. यह बारिश का आंकड़ा जल संसाधन विभाग की ओर से विभिन्न केंद्र बिंदु पर रखे वर्षा मापी यंत्र से लिया जाता है. लेकिन इस बार जो बारिश है वह अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग समय हो रही है. ऐसे में इस मापक का पूर्व अनुमान लगाना भी उचित नहीं है. पाली के कई क्षेत्र ऐसे हैं जो अभी भी एक या दो छुटपुट बारिश होने के बाद बारिश का इंतजार ही कर रहे हैं.
इस बार सुमेरपुर में सबसे कम बारिश
मानसून सीजन में अगर बारिश की बात करें तो पाली के सुमेरपुर क्षेत्र को सबसे अच्छा बारिश का स्थान माना जाता है. लेकिन इस बार मानसून ने सुमेरपुर को भी दगा दिया है. अभी तक की बात करें तो सुमेरपुर में मात्र 154 एमएम बारिश पूरे मानसून सीजन में हुई है. ऐसे में सुमेरपुर के ज्यादातर सभी तालाब और बांध अभी पानी का इंतजार ही कर रहे हैं. वहीं इसके बाद रानी सेक्टर में भी 186 एमएम ही बारिश हो पाई है. इसके साथ ही उपखंड क्षेत्र में 264 एमएम बारिश हुई है.