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9 साल बाद पाली का सपना साकार, मंत्री धारीवाल करेंगे कचरा निस्तारण प्लांट का लोकार्पण

पाली के खेतावास गांव में 12 करोड़ की लागत से कचरा निस्तारण के लिए बना सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का शनिवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल लोकार्पण करेंगे. पिछले 5 साल से इस प्लांट का काम नगर परिषद की ओर से करवाया जा रहा था.

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Published : Oct 19, 2019, 2:10 PM IST

पाली. शहर का 9 साल पुराना सपना शनिवार को सच होने जा रहा है. शहर के करीब खेतावास गांव में 12 करोड़ की लागत से कचरा निस्तारण के लिए बना सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का शनिवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल लोकार्पण करेंगे. इस प्लांट में शहर के कचरे से जैविक खाद का निर्माण होगा. साथ ही फैक्ट्रियों में बॉयलर में भी काम आने वाला ईंधन का भी उत्पादन होगा.

शहर में रोजाना निकलने वाला 80 से 100 टन कचरा नगर परिषद द्वारा इस प्लांट में पहुंचाया जाएगा. इस प्लांट की खासियत यह है कि कचरे व गंदगी के साथ मिला गंदा पानी भी यहां ट्रीट होगा. इसके लिए भी ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है. यानी इस पानी को भी फिर से काम में लिया जा सकेगा. सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरा प्लांट बदबू रहित होगा. इसमें बदबू मिटाने के लिए 35 बीघा जमीन में फोगिंग पाइप बिछाए गए हैं. समय-समय पर इस प्लांट में फैली दुर्गंध को मिटाने के लिए खुशबू वाली हवा फैलाई जाएगी.

मंत्री धारीवाल करेंगे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का लोकार्पण

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पिछले 5 साल से इस प्लांट का काम नगर परिषद की ओर से करवाया जा रहा था. गौरतलब है कि 9 साल पहले इस प्लांट को बनाने के लिए नगर परिषद की ओर से कार्य शुरू किया गया था. लेकिन ठंडे बस्ते में चले जाने के कारण यहां पर पड़े पुरानी मशीन और करोड़ों रुपए का सामान खराब हो गया. इसके बाद नगर परिषद ने फिर से इस कचरा प्लांट की शुरुआत की और शनिवार को 12 करोड़ की लागत से बने इस प्लांट का उद्घाटन होने जा रहा है.

इस तरह काम करेगा प्लांट

अधिकारियों की मानें तो इस प्लांट में 20 दिन तक कचरे को रोका जाएगा. उसके 21वें दिन सैकंड मैकेनिकल सैग्रिगेशन प्लांट में डाला जाएगा. उससे 4 एमएम तक का कचरा अलग हो जाएगा. जिससे सीधा जैविक खाद बन जाएगा. इसमें जैविक खाद को अधिक से अधिक उपयोगी बनाने के लिए भी तत्व डाले जाएंगे. इसके बाद 4 एमएम के अतिरिक्त आरडीएफ बनेगा. जो टोमर मशीन में जाएगा. इस मशीन में बारीक व प्लास्टिक नुमा कचरा होगा, उसे अलग कर दिया जाएगा. जो आरडीएफ सेट मशीन में जाएगा. इसमें आईडीएफ के और बारीक टुकड़े हो जाएंगे जो ब्रीकेटिंग मशीन में जाएगी. इस मशीन में फायर ब्रिक्स बनेगी जो बॉयलर में फ्यूल का काम करेगी.

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