पाली. जिले के फालना थाना क्षेत्र में 20 अगस्त को मोबाइल व्यवसायी कान सिंह हत्याकांड मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने मामले में 2 आरोपियों को हिरासत में लिया है. हालांकि, कान सिंह को गोली मारने वाले 3 शार्प शूटर अभी भी फरार हैं. लेकिन कान सिंह की हत्या की सुपारी देने वाला आरोपी और बिजोलिया पुलिस के हत्थे चढ़ गया है.
कान सिंह हत्याकांड का खुलासा मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक राहुल कोटोकी ने बताया कि फालना में मोबाइल और टिकट बुकिंग का कार्य करने वाला का मृतक कान सिंह सिसोदिया का संपर्क नोवी हाल मुंबई निवासी भरत वैष्णव नाम के एक व्यक्ति से था. भरत वैष्णव मुंबई में कार्य करता था. कान सिंह ने भरत वैष्णव के साथ मिलकर फालना में एक कृषि जमीन भी खरीदी थी. साथ ही भरत वैष्णव के मकान का कार्य भी कान सिंह की देखरेख में ही पूरा हुआ था.
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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कान सिंह का संपर्क भरत वैष्णव की पत्नी से हो गया था और उनमें अवैध संबंध थे. इस बात की भनक भरत वैष्णव को लगी और इसके बाद भरत वैष्णव ने कानसिंह को समझाने की कोशिश भी की. इसको लेकर दोनों के बीच कई बार अनबन भी हुई.
कोटोकी ने बताया कि इसके बाद भरत वैष्णव ने कान सिंह को मारने के लिए सिरोही के अरविंद करण को सुपारी दी. कान सिंह को मारने के लिए भरत वैष्णव ने अरविंद करण और उसके भाई ईश्वर सिंह को 5 लाख एडवांस दिए थे और 5 लाख काम होने के बाद देने थे.
पुलिस ने इस संबंध में सुपारी देने वाले आरोपी नोवी निवासी भरत वैष्णव और शार्प शूटर से परिचय कराने वाले ईश्वर सिंह को हिरासत में ले लिया है. वहीं, अब पुलिस कान सिंह की हत्या करने वाले शार्प शूटर अरविंद करण सिंह, धर्मा उर्फ धर्मेश पुत्र केसाराम और जुबेर पुत्र मुर्तजा खान की तलाश कर रही है.