पाली. निकाय प्रमुख पद को लेकर पाली में दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने चेहरे स्पष्ट कर दिए हैं. भाजपा ने इस बार पाली नगर परिषद चेयरमैन के रूप में जहां रेखा भाटी के नाम पर दांव खेला है. वहीं, कांग्रेस की ओर से नेतल मेवाड़ा का नाम चेयरमैन पद के उम्मीदवार के तौर पर सामने आया है.
पाली में कांग्रेस-भाजपा में भीतरघात का खतरा इन दोनों ने ही गुरुवार को अपना नामांकन कर दिया है. इस नामांकन के बाद पाली की राजनीति में एक बार फिर से गर्माहट बढ़ चुकी है. जहां भाजपा ने अपने सभी पार्षदों और निर्दलीय समर्थकों को गोपनीय स्थान पर भेज दिया हैं. वहीं, कांग्रेस ने भी अपने पार्षदों की बाड़ाबंदी कर दी है.
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कांग्रेस अपने चेयरमैन उम्मीदवार को जिताने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. कांग्रेस की ओर से नेतल मेवाड़ा का चेहरा स्पष्ट करने के बाद जोड़-तोड़ की की चर्चाएं भी तेज हो चुकी हैं. इसको लेकर भाजपा के पदाधिकारी भी काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं.
भाजपा के सभी पदाधिकारी लगातार अपने उम्मीदवारों को समर्थन देने वाले निर्दलीय पार्षदों को हर दिन बाड़ाबंदी के तहत जगह बदलते जा रहे हैं. ऐसे में कोई भी भाजपा की बडाबंदी का पता नहीं लगा पा रहा है. वहीं, कांग्रेस के पदाधिकारी लगातार निर्दलीय उम्मीदवार से संपर्क करने का दावा करते हुए इस बार अपना बोर्ड बनाने का दावा करते नजर आ रहे हैं.
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बता दें कि पाली में इस बार कांग्रेस की ओर से ओबीसी महिला चेहरे के रूप में चेयरमैन पद पर जिस नेतल मेवाड़ा को मैदान में उतारा गया है, वो पाली नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन प्रदीप हिंगड़ के भतीजे की पत्नी है. कहा जा सकता है कि नेतल मेवाड़ा के चुनावी मैदान में उतरने के पीछे सबसे बड़ी वजह प्रदीप हिंगड़ ही हैं और पाली की राजनीति में प्रदीप हिंगड़ को राजनीति में जोड़-तोड़ करने में सबसे ज्यादा माहिर हैं.
ऐसे में नितिन मेवाड़ा का चेहरा स्पष्ट होने के बाद भाजपा के पदाधिकारी भी अपने समर्थन देने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को लेकर काफी सावधान नजर आ रहे हैं. भाजपा के पदाधिकारी लगातार यही कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें समर्थन देने वाले निर्दलीय उम्मीदवार कांग्रेस या प्रदीप हिंगड़ के खेमे के किसी भी पार्षद से संपर्क ना कर पाए.
वहीं, अगर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चुन्नीलाल चाडवास की मानें तो उनका संपर्क निर्दलीयों से हो चुका है और इस बार पाली नगर परिषद में कांग्रेस का बोर्ड बनेगा.