राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

दो माह से मानदेय को तरसे ग्राम पंचायत सहायक, सरकार के आदेश से रोष - Pali news in Hindi

ग्राम पंचायत सहायक दो माह से अपने मानदेय के लिए तरस रहे हैं. सरकार के आदेश से ग्राम पंचायत सहायकों में रोष व्याप्त है. सरकार ने आदेश जारी कर ग्राम पंचायतों से निजी आय के माध्यम से मानदेय का भुगतान करने को कहा है. ग्राम पंचायत सहायकों ने मुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री को पत्र लिखकर वादा पूरा करने की मांग की है. सरकार की ओर से न्यूनतम मजदूरी के आधार पर भी मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है.

ग्राम पंचायत सहायक पाली, पाली न्यूज
मानदेय को तरसे ग्राम पंचायत सहायक

By

Published : Jul 1, 2020, 4:12 PM IST

जैतारण(पाली). राज्य सरकार के एक फैसले से प्रदेश के 27 हजार ग्राम पंचायत सहायकों को मिलने वाले मात्र 6 हजार रुपए के मानदेय पर संकट मंडरा रहा है. ग्राम पंचायतों में बजट के अभाव के चलते खजाना खाली हो चुका है, वहीं पंचायतों के पास अपनी आय का कोई अन्य साधन नहीं है.

मानदेय को तरसे ग्राम पंचायत सहायक

एक माह पूर्व ही सरकार ने पंचायत सहायकों का कार्यकाल बढ़ाते हुए एक शर्त लिख दी थी कि, अब इनका मानदेय ग्राम पंचायत अपनी निजी आय में से ही करेगी. ग्राम पंचायतों के पास कोई निजी आय नहीं होने से पुनः 2 माह से मानदेय नहीं मिल पा रहा है.

जानकारी के अनुसार प्रदेश में बीते एक दशक तक विद्यार्थी मित्र के रुप में कार्य करने सहित शिक्षामित्र, प्रेरक कंप्यूटर,अनुदेशक, विद्यार्थी मित्र संदर्भ शिक्षकों को ग्राम पंचायत सहायक बनाया गया. प्रदेश में करीब 27 हजार ग्राम पंचायत सहायक कई वर्षों से शिक्षा विभाग के अधीन कार्य कर रहे थे, जिन्होंने कोरोना संक्रमण के समय कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी प्रभावी भूमिका निभाई. साथ ही यह चुनाव के कार्यों में भी अपनी ड्यूटी देते आए हैं. अभी सरकार की ओर से संयुक्त शासन सचिव ने 6 मई, 2020 को इनका कार्यकाल फिर से बढ़ा दिया. इसके साथ ही एक शर्त यह भी लगा दी की इनका मानदेय ग्राम पंचायत अपने निजी आय से ही करेगी.

मानदेय को तरसे ग्राम पंचायत सहायक

ग्राम पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि, ग्राम पंचायत पहले ही कंगाल हो चुकी है. जिसकी निजी आए नहीं है. ऐसे में वह कैसे मान दे सकते हैं. पाली जिले के चिताड़ और सेंदड़ा ग्राम पंचायत के पंचायत सहायक असलम खान, अशोक सिंह, अमरदीप राठी, मदन सिंह धोलिया, रघुपाल सिंह, प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में ही पंचायत सहायकों को स्थाई करने का वादा किया था लेकिन सरकार अपना वादा भूल गई. जबकि ग्राम पंचायतों में इन्हें साक्षात्कार और अनुभव के आधार पर लिया गया है. जिले में उच्च शैक्षिक योग्यता धारी पंचायत सहायकों की संख्या 963 है, जिसमें कई पंचायत सहायक M.A और B.Ed हैं, जो कई वर्षों से अपने स्थाई होने का इंतजार कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में ग्राम पंचायत रोजगार सहायकों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि, वैश्विक महामारी के दौरान इन्होंने हर कार्य किया है. ग्राम पंचायत की ओर से मौखिक आदेश से ही इनको कार्य करवाया जा रहा है.

यह कार्य करते हैं, ग्राम पंचायत सहायक

मनरेगा कार्य, शौचालय जिओ ट्रैकिंग, प्रधानमंत्री आवास योजना जिओ ट्रैकिंग, आबादी क्षेत्र में पट्टे का सर्वे, इजी ऑफ लिविंग सर्वे, इसके अलावा संपूर्ण ग्राम पंचायत कार्य पंचायत सहायको से करवाएं गए. कोरोना वैश्विक महामारी के तहत लगे लॉक डॉउन में ग्राम पंचायत सहायकों ने एनएफएस, नॉन एनएफएस के तहत गेहूं वितरण, होम आइसोलेट, मनरेगा में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाना इत्यादि कार्य भी किए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details