पाली.बारिश थमने के साथ जिले में मौसमी बीमारियों का कहर शुरू हो गया है. नगर की कई निचली बस्तियों में बारिश का पानी भर चुका है और यहां निकासी की भी कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में एक माह से इन बस्तियों के मैदानों और आसपास के खाली प्लाटों में बारिश का पानी जमा है जिस कारण यहां तेजी से मच्छर पनप रहे हैं. इन बस्तियों के हालात ऐसे हो गए हैं कि शाम होने के बाद लोग घरों से बाहर नहीं बैठ पा रहे हैं.
मच्छरों की तादाद इतनी बढ़ चुकी है कि लोगों को डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों का डर सताने लगा है. हालात यह हैं कि स्थानीय लोगों की ओर से कई बार जनप्रतिनिधियों एवं नगर परिषद में शिकायत की गई है लेकिन अफसर हैं कि ध्यान नहीं दे रहे हैं. इन मोहल्लों में भरे गंदे पानी से अब बदबू आने लगी है जिससे आसपास से गुजरना मुश्किल हो गया है.
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पाली नगर परिषद की सीमा में 65 वार्ड आते हैं. यहां इन वार्डों में करीब 50 बस्तियां नगर के निचले क्षेत्रों में स्थापित हैं. कई बस्तियों में सैकड़ों की संख्या में खाली प्लॉट पड़े हैं. इस बार बारिश देर से हुई, लेकिन जब हुई तो औसत से ज्यादा हुई जिससे निचली बस्तियों में बारिश का पानी भर गया. नगर परिषद की ओर से अभी तक इन बस्तियों से बारिश का पानी निकालने के लिए कोई सुविधा नहीं की गई है. ऐसे में इन खाली प्लॉट और गड्ढों में बारिश का पानी 25 दिनों से भरा हुआ है.
धीरे-धीरे कर इस बरसाती पानी में मच्छरों का लार्वा पैदा होने लगा है, जिससे इन क्षेत्रों में मच्छर भी पनपने लगे हैं. इसके अलावा अन्य बीमारियां भी इन क्षेत्रों में होने लगी है. जिसके चलते पाली शहर के बांगड़ अस्पताल में ओपीडी भी बढ़ चुकी है. बांगड़ अस्पताल में प्रतिदिन 1200 से लेकर 1500 तक मौसमी बीमारी के मरीज आ रहे हैं. इसके अलावा क्षेत्रों में गड्ढों में भरा पानी लोगों के घरों को भी नुकसान पहुंचा रहा है.
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