पाली.कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश भर में लगाए गए लॉक डाउन के बाद कई लोगों के लिए कठिन परिस्थितियां पैदा हो चुकी है. कई लोग ऐसे हैं, जो अपनी दिहाड़ी मजदूरी के लिए अपने घर को छोड़ दूर बैठे हुए थे और अचानक से लॉक डाउन की घोषणा करते ही इन लोगों के ऊपर एक आपदा सी गिर गई.
बस और अन्य यातायात के साधन बंद होने से कई लोग अब अपने घरों की तरफ जाने के लिए पैदल ही रवाना हो गए हैं. लेकिन, इनके घर जाने के हौसले को अब मौसम ने भी मात दे दी है. इसके चलते अपने घर लौट रहे कई लोगों का ग्रुप पाली के पनिहारी चौराहे के फुटपाथ पर अपने बच्चों को लेकर बैठा है.
जानकारी के अनुसार लॉक डाउन के बाद अलग-अलग जिलों में दिहाड़ी मजदूरी कर रहे लोगों पर सबसे बड़ी गाज गिरी है. इन लोगों को मजदूरी ना मिलने से उनके बच्चों को पालने और उनको खाना खिलाने का भी संकट आ गया है. वहीं संसाधन उपलब्ध ना होने से यह लोग घर भी नहीं जा सकते. पाली के पणिहारी चौराहे पर भी 70 लोगों का एक ऐसा ही ग्रुप बैठा है, जो जोधपुर जिले से पाली तक पैदल आ गया है लेकिन, इन्हें बांसवाड़ा प्रतापगढ़ और बिहार तक जाना है लेकिन, बारिश के चलते इन्हें यही रुकना पड़ रहा है. ये पढ़ेंःCOVID-19: जोधपुर में 394 लोगों पर नजर, क्वॉरेंटाइन में मनोरंजन की व्यवस्था भी कर रहा प्रशासन
ईटीवी भारत की टीम ने भी इन लोगों के लिए मदद के हर संभव प्रयास किए. नगर परिषद सभापति रेखा राकेश भाटी के सहयोग से इन सभी के लिए तुरंत भोजन और नाश्ते की व्यवस्था कराई गई. वहीं उपखंड अधिकारी रोहिताश्व सिंह तोमर से आग्रह करने के बाद उन्होंने इन सभी 70 लोगों के लिए निशुल्क रोडवेज बस की व्यवस्था की गई.
यह बस इन सभी को अपने शहर में जाकर छोड़ेगी. इस बात की जानकारी मिलने के बाद में मासूम बच्चों के साथ बैठे इन लोगों की आंखें छलक आई और उन्होंने भी कहा कि वह भी अपने गांव में जाकर ऐसी आपदा में फंसे लोगों की मदद करेंगे, ताकि ऐसे लोग अपनों से मिल पाए.