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कोरोना का कहरः पाली में संक्रमण के डर से घरों में कैद बच्चे, परिजनों में भी डर का माहौल - corona positive increased in pali

पाली जिले में इन दिनों कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में इस संक्रमण से बच्चों के परिजन खासा परेशान नजर आ रहे हैं. परिजन अपने बच्चों को घरों में ही रख रहे हैं. साथ ही घर से निकलने पर मास्क, सैनिटाइजर का इस्तमाल कर रहे है. जिससे संक्रमण ना फैले. बता दें कि पाली में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा मासूम बच्चे भी इसकी चपेट में आ चुके हैं.

कोरोना के डर से बच्चे घर में कैद, Children locked in homes for fear of corona
कोरोना के डर से बच्चे घर में कैद

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Published : Jul 11, 2020, 5:30 PM IST

Updated : Jul 15, 2020, 5:52 PM IST

पाली.जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से अपना पैर पसारता जा रहा है. प्रतिदिन जिले में औसतन 30 से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में इस खतरे को देखते हुए बच्चों के परिजन खासा परेशान नजर आ रहे हैं.

लोग अपने बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें घरों में ही रख रहे हैं. परिजनों की मानें तो अगर बच्चों को कुछ देर के लिए भी अकेला छोड़ दिया जाए, तो उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. पाली शहर सहित जिलेभर की बात करें, तो पाली में लाखों की संख्या में 5 साल से कम उम्र के बच्चे हैं. जिन्हें अपने घरों में रखना परिजनों के लिए एक सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है.

कोरोना के डर से बच्चे घर में कैद

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ऐसे में भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में परिजन अपने बच्चों को ले जाने से कतरा रहे हैं. इतना ही नहीं अपने गली-मोहल्ले में भी बच्चों को दूसरे के साथ खेलने नहीं दिया जा रहा है. ईटीवी भारत ने जब बच्चों के परिजनों से बात कि तो उन लोगों ने बताया कि बीते 3 महीनों से जिले के सभी बाल उद्यान बंद है. वहीं बच्चों की जिद के आगे वह उन्हें बाहर खेलने की अनुमति तो दे रहे हैं, लेकिन उन्हे हर वक्त संक्रमण के खतरे का डर लगा रहता है.

परिजनों ने बताया कि जिस प्रकार से पाली में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है. उस आंकड़े को देखते हुए डर बना हुआ है. ऐसे में अपने बच्चों को घर से निकलने पर मास्क, सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे है. लेकिन इन सबके बावजूद भी जिले में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा मासूम बच्चे भी इसकी चपेट में आ चुके हैं.

शिशु रोग विशेषज्ञों की मानें तो, 5 साल से कम उम्र के बच्चों का इम्यूनिटी पावर काफी कमजोर होता है. ऐसे बच्चे संक्रमण के खतरे की चपेट में बहुत जल्दी आ सकते हैं. ऐसे में परिजनों को उनके स्वास्थ्य के लिए पूरा ध्यान रखना चाहिए.

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संक्रमण काल में हो सके तो बच्चों को भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र में ले जाने से बचाना चाहिए. उन्होंने बताया कि पाली के आइसोलेशन सेंटर में वर्तमान में भी कई मासूम बच्चे भर्ती है, जो डॉक्टरों की देखरेख में रह रहे हैं. डॉक्टरों ने अपील की है कि जब तक यह संक्रमण का दौर रुक ना जाए, तब तक मासूम बच्चों का ध्यान रखना अति आवश्यक है.

Last Updated : Jul 15, 2020, 5:52 PM IST

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