पाली.जिले के बाली व रायपुर क्षेत्र में कच्ची खदानों में काम करने वाले लोगों में सिलिकोसिस की बीमारी धीरे धीरे कर बढ़ती ही जा रही है. प्रति माह यह आंकड़ा सैकड़ों से हजारों में पहुंच रहा है. इस लाइलाज बीमारी का बढ़ते स्तर को देखते हुए पाली जिला मुख्यालय पर प्रतिमाह शिविर का आयोजन किया जा रहा है. गुरुवार को पाली जिला मुख्यालय पर बांगड़ अस्पताल में सिलिकोसिस मरीजों के लिए शिविर का आयोजन किया गया.
सिलिकोसिस मरीजों के लिए शिविर का आयोजन इस शिविर में गुरुवार को करीब 1000 से ज्यादा लोगों ने अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया. इतने बड़े स्तर पर भीड़ को देख बांगड़ अस्पताल प्रशासन भी काफी दंग रह गया और सोशल डिस्टेंस संक्रमण जैसी स्थितियों को भांपते हुए इन लोगों की भीड़ को संभालने में बांगड़ अस्पताल के पसीने छूट गए.
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गुरुवार को बांगड़ अस्पताल में आयोजित हुए इस शिविर में करीब 1033 लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इन सभी लोगों में से संदिग्ध मरीजों के स्वास्थ्य के परीक्षण करने के बाद उनका एक्स-रे निकलवाया गया और 33 लोगों को सिलिकोसिस प्रमाण पत्र जारी किए गए. इस शिविर में सुबह 7 से लगी भीड़ शाम 5 बजे तक बांगड़ अस्पताल में ज्यों की त्यों नजर आ रही थी.
बता दें कि सरकार की ओर से सिलिकोसिस पीड़ित मरीज को 6 लाख रुपए की सहायता राशि मिलती है. 2 लाख उसके जीवित होते उसके चिकित्सा के लिए मिलती है और उसकी मृत्यु के बाद 4 लाख उसके आश्रितों को दिए जाते हैं. इसके साथ ही सिलिकोसिस मरीज को सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में पात्र मान लिया जाता है. इसी को लेकर पिछले 2 वर्षों में इस शिविर को लेकर इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में खासा रुझान आया है.