पाली. प्रदूषण को लेकर पाली प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है. वहीं, परेशान नेहड़ा बांडी के किसानों को भी संतुष्ट रखना चाहता है. ऐसे में प्रशासन बांडी नदी में अवैध रूप से रंगीन पानी डालने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है.
बांडी नदी में प्रदूषण पर प्रशासन सख्त इसको लेकर जिला कलेक्टर ने पाली एसडीएम रोहितश्वर सिंह तोमर को कमान सौंपी है. एसडीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को बुलाकर एक बैठक में निर्देश देते हुए प्रदूषण मामले में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही नदी पर निगरानी रखने के लिए एसडीएम की ओर से अलग-अलग व्यवस्थाओं की रूपरेखा तैयार की गई है. एसडीएम रोहिताश्वर सिंह ने बताया कि पाली में लंबे समय से अवैध रूप से संचालित हो रहे टैंकरों में रंगीन अनट्रीटेड पानी को रात के समय में बांडी नदी में सीधा डाला जा रहा है. इससे दूषित पानी नेहड़ा बांध तक पहुंच कर बांडी नदी को पूरी तरह से प्रदूषित करने का काम कर रहा है.
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प्रशासन की ओर से कई बार इन टैंकरों के गिरोह को पकड़ने की कोशिश भी की गई, लेकिन आज तक कोई भी सुराग नहीं लग पाया है. ऐसे में हर दूसरे दिन पाली के अलग-अलग क्षेत्रों से रात के समय अवैध रूप से डाले गए रंगीन पानी के टैंकरों की सूचना आती रहती है. जिस पर स्थानीय लोगों का भी खासा विरोध होता है. इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम ने बांडी नदी पर निगरानी रखने का फैसला लिया है, जिसे लेकर अलग-अलग चरणों में यहां सुरक्षा गार्ड लगाए जाएंगे. इसके साथ ही क्षेत्र से गुजरने वाली सड़कों पर नाइट विजन कैमरे भी लगाए जाएंगे. इनकी निगरानी अलग-अलग चरणों में 24 घंटे तक एसडीएम द्वारा बनाई गई टीम रखेगी.
गौरतलब है कि लगातार प्रदूषित रंगीन पानी डाले जाने से पाली से पाली से गुजर रही बांडी नदी पूरी तरह से दूषित हो चुकी है. ऐसे में इसके किनारे बसे हजारों किसानों के खेत पूरी तरह से बंजर हो गए हैं और उनके कुओं में भी रंगीन पानी आने लगा है. उनके खेतों और सिंचाई के संकट को देखते हुए रोहट के किसानों ने एनजीटी का दरवाजा खटखटाया था. इस मामले की सुनवाई कर कोर्ट ने तुरंत प्रभाव से पाली में कपड़ा उद्योग बंद करने के आदेश दिया था. इसके बाद पाली के उद्यमियों द्वारा फैक्ट्रियों से निकलने वाले रंगीन पानी को पूरी तरह से ट्रीट कर बांडी नदी में डालने का वादा करने पर एनजीटी ने कपड़ा इकाइयों के संचालन को शुरू करने के आदेश दिए थे. लेकिन इसके बाद में भी लगातार प्रदूषित पानी बहने का सिलसिला जारी है.