पाली. जैतारण में हार्डवेयर व्यापारी से 3.30 लाख रुपए हड़प करने वाले व अपने आप को आयकर विभाग के अधिकारी बताने वाले बदमाशों की असली पहचान पुलिस ने निकाल दी है. व्यापारी को आयकर विभाग का कर्मचारी बनकर चूना लगाने वाला उसका रिश्ते में साला लगता है और पिछले ढाई साल से उसके व्यापार और उस पर रेकी कर रहा था. पुलिस ने इस मामले में पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. आरोपी जिस कार का इस्तेमाल कर रहे थे उसके दस्तावेज भी फर्जी निकले.
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दरअसल बुधवार दोपहर 1 बजे के करीब बिजली घर चौराहा जैतारण में रविन्द्र कुमावत की हार्डवेयर एंड इलेक्ट्रिकल्स की दुकान पर 5 लोग खुद को आयकर अधिकारी बताकर पहुंचे थे. उस समय दुकान पर रविंद्र कुमावत भी मौजूद थे. बदमाशों ने दुकान का रिकार्ड दिखाने को कहा. फर्जी आयकर अधिकारी आरोपी सरवन कुमावत ने रिकार्ड देखकर हिसाब-किताब लगाने का नाटक करते हुए 3 महीने पहले व्यापारी बेंगलुरु जाने का कारण भी पूछा. उन्होंने व्यापारी को उसका हवाई टिकट भी दिखाया. जिसके बाद व्यापारी घबरा गया.
पाली में साले ने जीजा से फर्जी आयकर अधिकारी बन ऐंठे लाखों रुपए व्यापारी ने गल्ले में रखे हुए 3.30 लाख रुपए उन बदमाशों को दे दिए. इसके बाद संदेह होने पर रविंद्र ने अपने साथियों को इस बारे में जानकारी दी. सूचना मिलने पर पुलिस ने नाकाबंदी करवाई. इस नाकाबंदी में रायपुर पुलिस ने बर चौराहे पर दौसा के राधा विहार निवासी रोहित मीणा, बिलाड़ा निवासी हरिकृष्ण, नागौर के डीडवाना निवासी अजयराज, आगरा निवासी धीरज व रविंद्र के साले व पांचवें अभियुक्त श्रवण कुमार को गिरफ्तार किया.