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टीचर की मार के डर से घबराई 8वीं की छात्रा ने रची अपने ही अपहरण की कहानी, पुलिस भी रह गई दंग

विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों पर पढ़ाई का मानसिक दबाव किस प्रकार से बढ़ रहा है, इसका उदाहरण पाली में देखने को मिला. एक आठवीं कक्षा की छात्रा अपने अध्यापक का दिया एक अध्याय याद नहीं कर पाई और इससे बचने के लिए उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी तक रच दी.

false story of her own kidnapping, आठवीं की छात्रा के अपहरण की कहानी

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Published : Oct 1, 2019, 9:07 PM IST

पाली. जिले के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाली आठवीं की छात्रा के अपहरण की कहानी चर्चा का विषय बन गई है. इस झूठी कहानी ने जहां परिजनों को भी चिंता में डाल दिया वहीं पुलिस में भी खलबली मचा दी.

टीचर की मार के डर से 8वीं छात्रा ने रची अपने ही अपहरण की कहानी...

कोतवाली थाना प्रभारी गौतम जैन के अनुसार मंगलवार सुबह थाने में एक पिता अपनी आठवीं में पढ़ने वाली बच्ची को साथ में लेकर आए. बच्ची ने पुलिस को बताया कि वह अपने स्कूल गई थी. और पैन भूल जाने के कारण वह घर पर पैन लेने गई थी. इस बीच दो बुर्का धारी युवकों ने उसका अपहरण करने की कोशिश की. बच्ची ने बताया कि उसने किसी भी तरह से उन युवकों से किसी तरह अपना पाला छुड़ाया और झाड़ियों में छुप कर अपना बचाव किया.

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थाना प्रभारी ने बताया कि बच्ची की कहानी पर उन्हें यकीन नहीं हुआ. जब बच्ची से प्रेम से बात की गई तो उसने अपनी गढ़ी हुई कहानी की हकीकत बता दी. बच्ची ने बताया कि अर्द्ध वार्षिक परीक्षा परीक्षा के चलते उसके विद्यालय में विज्ञान के शिक्षक ने लेसन याद करने के लिए काफी दबाव बनाया था. इस दबाव को झेल नहीं पाई और मंगलवार सुबह जब स्कूल गई तो शिक्षक की मार के डर से फिर से स्कूल से निकल गई.

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वहीं घर पर परिजनों की डांट के डर से रास्ते में ही झाड़ियों में छिप कर बैठ गई. स्कूल स्टाफ ने बच्ची को फिर से स्कूल में नहीं देखा तो परिजनों को सूचित किया. और परिजनों ने जब बच्ची को ढूंढा तो बच्ची झाड़ियों में मिली. बाद में पुलिस ने निष्कर्ष निकाला तो बच्चे पढ़ाई के चक्कर में मानसिक दबाव की बात सामने आई. पुलिस ने बच्ची के परिजनों व स्कूल स्टाफ को बच्चों पर मानसिक दबाव नहीं देने के निर्देश देकर थाने से रवाना किया.

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