नागौर. खुनखुना थाना क्षेत्र के शेरनी आबाद में मंगलवार को अपहरण किए गए यूसुफ खां (38) को दस्तयाब कर पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अन्य बदमाशों की तलाश जारी है. फर्जी सीबीआई टीम बनकर आए अपहर्ताओं ने 70 लाख की फिरौती मांगी थी. एसपी राममूर्ति जोशी ने मीडिया को बताया कि घर में घुसकर यूसुफ का अपहरण होते ही नागौर एएसपी राजेश मीना के सुपरविजन में डीडवाना एएसपी विमल सिंह, सीओ गोमाराम और खुनखुना थाना प्रभारी बनवारी लाल के नेतृत्व में टीम गठित कर इनकी तलाश शुरू की.
उन्होंने बताया कि खींवसर थाना प्रभारी अशोक बिसु, खाटूबड़ी थाना प्रभारी गणेश मीणा के साथ पुलिसकर्मियों की टीम अलग-अलग रूट पर इनकी खोजबीन में जुट गई. आरोपियों को पकड़ने के लिए नागौर के परबतसर पहाड़ी क्षेत्र से जयपुर के कानोता-बस्सी में सर्च अभियान चला. जयपुर के बस्सी-कानोता समेत अन्य टीमों के सहयोग से करीब चौदह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीन अरोपियों को जयपुर के आगरा रोड और एक को सवाईमाधोपुर के वजीरपुर से पकड़ा गया. यूसुफ खां को डराने-धमकाने के लिए उनके पास एक एयरगन भी बरामद की गई.
यूसुफ से सत्तर लाख की फिरौती मांगने की बात सामने आने पर पुलिस भी हैरान है. पुलिस ने जब यूसुफ का रिकॉर्ड खंगालना शुरू हुआ तो उसके दुबई में गाड़ी का काम करने की बात सामने आई. बताया जाता है कि यूसुफ का दुबई से सोना लाकर बेचने वालों से भी जुड़ाव है, पुलिस इसकी भी जांच की जा रही है. यूसुफ का भाई शब्बीर अहमद उसके किराने की दुकान चलाने की बात बार-बार पुलिस को बताता रहा. सीसीटीवी फुटेज में अपहर्ताओं के साथ आराम से जाने का मामला भी खुला, फर्जी सीबीआई अधिकारियों के साथ उसका सहजता से चले जाना भी स्थानीय पुलिस को अखर रहा है.