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नागौर में बजरी खनन के दौरान ढहा मिट्टी का टीला, दबकर मजदूर की मौत - gravel-mining-in-nagaur

नागौर जिले के बडायली इलाके में खनन के दौरान मिट्टी ढहने से दबकर एक मजदूर की मौत हो गई है. मजदूर की मौत के बाद अब परिजन मुआवजे की मांग कर धरने पर बैठ गए हैं.

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बजरी खनन के दौरान ढहा मिट्टी का टीला

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Published : Jan 10, 2021, 10:50 PM IST

नागौर. जिले के रियांबड़ी उपखण्ड के बडायली इलाके में अवैध बजरी खनन के दौरान एक मजदूर की दबने से मौत हो गई है. मौके पर मौजूद लोगों ने मजदूर को मिट्टी से बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. तीन मजदूर बजरी खनन करके ट्रैक्टर भरने का काम कर रहे थे तभी खनन के दौरान मिट्टी ढहने से हादसा हो गया. घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और घटना स्थल का जायजा लिया.

रियांबड़ी उपखण्ड में लूनी नदी क्षेत्र में काफी समय से अवैध बजरी खनन होता है लेकिन खनन विभाग, प्रशासन और पुलिस सिर्फ दिखावे की कार्रवाई कर अपना काम पूरा कर लेते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि यहां एक ट्रैक्टर चालक मंदिर निर्माण के लिए बजरी लेने आया था. इसी ट्रैक्टर के साथ बजरी भरने के लिए तीन मजदूर पहुंचे थे. बजरी निकाल ही रहे थे की तभी अचानक मिट्टी ढह गई और एक मजदूर दब गया. हादसे के बाद मजदूरों और स्थानीय लोगों ने भियाराम बावरी के शव को बाहर निकाला गया इसके बाद पुलिस पहुंची.

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मृतक भियाराम का परिवार अब मुआवजे की मांग कर रहा है. मृतक के परिजनों ने शव लेकर धरना शुरू कर दिया है उनका कहना है कि जब तक मुआवजा नहीं दिया जाएगा शव का दाह-संस्कार नहीं करेंगे. फिलहाल स्थानीय पुलिस परिवार को समझाने की कोशिश कर रहा है.

खनन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर आंदोलन की तैयारी-

10 जनवरी को ब्रज क्षेत्र के आदिबद्री और कंकाचल पर्वत पर पूर्ण प्रतिबंध हेतु 16 जनवरी से प्रांरभ होने वाले आंदोलन की तैयारी के संदर्भ में जनसंपर्क अभियान के तहत नगर तहसील के ग्राम कोडली में एक जनसभा का आयोजन किया गया. आस पास के गावों के सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया. जनसभा को सम्बोधित करते हुए मानमंदिर अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने कहा कि लगभग 15 दिन पहले सभी सरपंच व ग्रामवासी भरतपुर ज़िलाधीश के पास खनन को तत्काल बन्द करने और उससे हो रहे दुष्परिणामों के बारे अवगत कराने गए थे.

लेकिन आश्चर्यजनक बात है कि उनके द्वारा इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई भी कार्यवाही नहीं कि गयी है. पूर्व विधायक गोपी गुर्जर ने कहा कि अब आर पार की लड़ाई के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. खनन माफियाओं के हाथ के खेल रहे प्रशासन को गरीब ग्रामीणों का दर्द नहीं दिख रहा है.

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