नागौर. राजस्थान मेंनागौर प्रदेश के उन चुनिंदा शहरों में से एक है जहां शहरी इलाके में लोगों के घरों तक पानी सप्लाई करने का जिम्मा नगर परिषद का है. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है. परिषद अपने इस काम को पूरा करने में नाकाम होती दिख रही है. हालात यह हैं कि शहर के कई मोहल्लों में रोजमर्रा की जरूरत तो दूर लोगों को पीने तक के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है.
VIDEO : नागौर शहर की कॉलोनियों में गहराया पानी का संकट जो लोग सक्षम हैं वे टैंकर से पानी मंगवाकर काम चला रहे हैं. लेकिन गरीब तबके के लोगों की जेब पर टैंकर से पानी मंगवाना भारी पड़ रहा है. ऐसे में आए दिन लोग अपनी परेशानी लेकर कलेक्टर के पास पहुंच रहे हैं. वैसे तो शहर के किसी भी मोहल्ले में पानी की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो रही है. लेकिन गरीब नवाज कॉलोनी, कुम्हारी दरवाजा, गांछा बस्ती, ब्रह्मपुरी, इंदिरा कॉलोनी और दिल्ली दरवाजा इलाके में पानी की ज्यादा किल्लत है.
लोगों का कहना है कि जितना पानी आ रहा है. वह रोजमर्रा की जरूरत के लिहाज से काफी नहीं है. ऐसे में टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है. टैंकर संचालक भी मौके के हिसाब से 500 से 800 रुपए तक लोगों से वसूल रहे हैं. इस बारे में कलेक्टर दिनेश कुमार यादव का कहना है कि नगर परिषद के पास इतने संसाधन नहीं है कि वह शहर की बड़ी आबादी को पानी पिला सके.
ऐसे में फिलहाल पीएचईडी के अधिकारियों को परिषद का हरसंभव सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं. फिर भी अभी हालात काबू में नहीं हैं. कलेक्टर यादव ने सरकार को एक पत्र भी लिखा है. जिसमें नागौर शहर में पानी की सप्लाई का जिम्मा नगर परिषद के बजाए पीएचईडी को देने या परिषद को पर्याप्त संसाधन और स्टाफ मुहैया करवाने की बात कही गई है.
लेकिन हकीकत यह है कि इन सब कवायदों के बावजूद नागौर की जनता को भीषण गर्मी में गला तर करने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. अगले एक महीने तक भी गर्मी का सितम कम होने की कोई संभावना दिख नहीं रही है. ऐसे में लोगों को पानी मुहैया करवाना नगर परिषद के साथ ही पीएचईडी और प्रशासन के लिए भी कड़ी चुनौती होगी.