नागौर.योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि तमाम तरह के रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है. कोरोना काल में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए यह और भी ज्यादा लाभकारी है. जिले के छोटे से गांव बल्दु से निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग में गोल्ड मेडल जीतने वाले प्रेमाराम झुरिया ग्रामीणों में योग की अलख जगा रहे हैं. इन दिनों गांव के ही वीर तेजाजी मंदिर परिसर में सुबह 5 से 7 तक शिविर लगाकर वे बच्चों और युवाओं को नि:शुल्क योग सिखा रहे हैं. गांव के स्कूल में भी वे समय-समय पर विशेष शिविर लगाते हैं जिसमें महिलाएं और बुजुर्ग भी आते हैं.
प्रेमाराम बताते हैं कि बीएड करने के बाद वे शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पेट संबंधी बीमारी के चलते वे न तो ठीक से भोजन कर पाते थे और न ही पढ़ाई में ध्यान लगता था. तब उनके एक फौजी दोस्त ने उन्हें योग करने की सलाह दी. लाडनूं के जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय से उन्होंने योग में मास्टर डिग्री ली. इस दौरान वे नियमित योगाभ्यास करते रहे. बताते हैं कि अब उनका शरीर इतना लचीला हो गया है कि वे जटिल से जटिल योग क्रियाएं भी आसानी से कर लेते हैं.
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प्रेमाराम ने राज्य स्तर पर तीन गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीतने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे योग में तीन राष्ट्रीय गोल्ड मेडल और दो अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. अब वे गांव में बच्चों से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक को योग सिखा रहे हैं. गांव के शिक्षक नंदकिशोर शर्मा का कहना है कि प्रेमाराम ने पहले गांव में अपने दोस्तों को योग सिखाना शुरू किया था. धीरे-धीरे दूसरे युवाओं का भी योग के प्रति उत्साह बढ़ता गया. अब प्रेमाराम नियमित रूप से गांव में योगाभ्यास करवाते हैं जहां बच्चों से लेकर युवा तक सब योग सीखने आते हैं.