नागौर. जिले के गोगेलाव कन्जर्वेशन रिजर्व के रेस्क्यू सेंटर में वन विभाग के दो कर्मचारियों के ऊपर अपने साथियों के साथ मिलकर रेस्क्यू सेंटर में शराब और मांस पार्टी करने का आरोप लगा था. मामले में श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था की ओर से ये आरोप लगाया गया है कि रेस्क्यू सेंटर में लाये गए घायल चिंकारा हिरण को वनविभाग के ही कर्मचारियों ने पकाकर खा लिया. अब एक तरफ जहां पुलिस जांच में कुछ और सामने आया है, इसके बावजूद वन विभाग ने आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है.
वन विभाग के कर्मचारियों पर हिरण खाने का आरोप बता दें कि 28 अक्टूबर की रात को चावंडिया में अज्ञात लोगों ने हिरण को गोली मारकर घायल कर दिया था. जिसे श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के जिला संगठन मंत्री पार्थवर्धन सियाग और अरविंद ने वनविभाग की रेस्क्यू टीम को बुलाकर इलाज के लिए सुपुर्द किया था. जिसके बाद जब पार्थवर्धन सियाग और कालूराम सियाग घायल हिरण को देखने के लिए रिजर्व कंजर्वेशन गोगेलाव के रेस्क्यू सेंटर गए, तो वहां मौजूद दो कर्मचारी मुंशी खा और भंवराराम के साथ उनके दो साथी शब्बीर खान और जमील खान मांस पका रहे थे और शराब पी रहे थे. उस दौरान पार्थवर्धन सियाग ने अपने द्वारा वन विभाग को सौंपे गए घायल चिंकारा हिरण के स्वास्थ्य की जानकारी चाही तो वहां मौजूद कर्मचारी एक दुसरे का मुंह ताकते नजर आए.
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संस्था के पदाधिकारियों को शंका हुई तो उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया. संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई समेत कई पदाधिकारी और सदस्य मौके पर पहुंच गए. साथ ही वन विभाग के कार्यवाहक उप वन संरक्षक सुनील कुमार गौड़ और क्षेत्रीय वन अधिकारी हेमेंद्र परड़ोदा कोतवाली थाना नागौर की टीम के साथ रेस्क्यू सेंटर पहुंचे. वन विभाग के दोनों कर्मचारियों और उनके साथियों पर आरोप है कि वे घायल हिरण का मांस पका कर खा रहे थे. जिसके लिए संस्था की ओर से कोतवाली थाना में रिपार्ट दी गई. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों कार्मिकों और अन्य दो को हिरासत में ले लिया.
वहीं, पूरे मामले की जानकारी सामने आते ही वन विभाग और कोतवाली थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी. जहां प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि जो हिरण घायल अवस्था में लाया गया था उसकी मौत हो गई थी जिसे कर्मचारियों ने रेस्क्यू सेंटर के परिसर में ही दफना दिया था. साथ ही पार्टी के लिए मांस की खरीद भी बाहर से किए जाने की पुष्टि वन विभाग के अधिकारियों ने की है.
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वहीं, रेस्क्यू सेंटर में शराब पार्टी किए जाने को वन एंव पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई सहित वन विभाग के अधिकारियों ने भी गंभीर माना है और उनके खिलाफ कानूनी के साथ ही विभागीय कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही गोगेलाव में रेस्क्यू सेंटर में मिले मांस के सैंपल को जांच के लिए देहरादून स्थित भारतीय वन जीव संस्थान भेजा गया है.