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नागौर में मनाई गई पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. रामनिवास मिर्धा की दसवीं पुण्यतिथि - राजस्थान की खबर

किसान नेता के रूप में पहचाने जाने वाले कद्दावर कांग्रेस नेता स्व. रामनिवास मिर्धा की 10वीं पुण्यतिथि पर बुधवार को प्रदेशभर के साथ नागौर जिले में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान रामनिवास मिर्धा के समाधि स्थल पर उनके पुत्र हरेन्द्र मिर्धा ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए.

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स्व. रामनिवास मिर्धा की 10वीं पुण्यतिथि मनाई गई

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Published : Jan 29, 2020, 7:05 PM IST

नागौर. जिले के कुचेरा कस्बे में बुधवार को किसान नेता स्वर्गीय रामनिवास मिर्धा की 10वीं पुण्यतिथि उनके समाधी स्थल पर समारोह पूर्वक मनाई गई. स्व. मिर्धा की याद में बनाये गए समाधि स्थल पर सुबह से आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र से लोगों की भीड़ आना शुरू हो गई और उनके समाधि स्थल पर उनके पुत्र हरेन्द्र मिर्धा ने मिर्धा के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए. साथ ही उन्हें नमन किया.

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इस दौरान नागौर के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ. सहदेव चौधरी ने भी स्व. मिर्धा के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए और उन्हें नमन किया. इस दौरान कुचेरा और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र से सैकड़ों लोग समाधि स्थल पर पंहुचे और उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर मुंडवा प्रधान राजेन्द्र सहित कई जनप्रतिनिधि गण सामाजिक संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने स्व. मिर्धा के चित्र पर पुष्प अर्पित किए.

स्व. रामनिवास मिर्धा की 10वीं पुण्यतिथि मनाई गई

उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए डॉ. सहदेव चौधरी ने स्व. मिर्धा के कृतित्व को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में किसानों के लिए काम किया और उनके हक की लड़ाई लड़ी और अपने जीवन में गरीब मजदूर और किसानों के लिए काम करते रहे.

विधानसभी के अध्यक्ष भी रहे मिर्धा

उल्लेखनीय है कि नागौर जिले के कुचेरा ग्राम में बलदेव राम मिर्धा के घर पर 24 अगस्त 1924 में जन्में स्व. रामनिवास मिर्धा 1953 से 1967 तक विधानसभा के सदस्य रहे. स्व. मिर्धा 1957 से 1967 तक विधानसभा अध्यक्ष और 1967 में ही उपचुनाव में राज्यसभा के सदस्य चुने गए. जून 1970 में वो पहली बार केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री बना दिए गए. वे 19 से 1980 तक राज्यसभा के उपसभापति और 1983 से 1989 तक केन्द्र में विभिन्न विभागों के मंत्री रहे.

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स्व. मिर्धा 10वीं लोकसभा में (1991 से 1996) सदस्य रहे. उस दौरान संयुक्त संसदीय समिति के सभापति रहे. साथ ही वह केन्द्रीय ललित कला अकादमी के दो बार (1976 से 1980 और 1990 से 1995) अध्यक्ष मनोनीत किये गए. उन्होंने कई अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. स्व. मिर्धा भारतीय युवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे थे.

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