नागौर. करीब तीन महीने की मशक्कत के बाद सुपारी किलर संदीप उर्फ शेट्टी की हत्या (Sandeep Sethi Murder Case) के तीन आरोपी शुक्रवार को काठमाण्डू में धर-दबोचे गए. नागौर पुलिस टीम की कड़ी मेहनत का रंग तो दिखा पर तकनीकी कारणों से ये तीनों दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम की गिरफ्त में रहेंगे. करीब छह-सात दिन पहले मुख्य गैंगस्टर दीपक उर्फ दीप्ति ने दिल्ली में सरेंडर कर दिया है. वहीं, संदीप उर्फ शेट्टी हत्याकाण्ड का एक शातिर अनिल उर्फ छोटिया अभी तक फरार है. दरअसल, बीते 19 सितंबर को नागौर शहर में अदालत के सामने दिनदहाड़े संदीप उर्फ शेट्टी को गोलियों से भून दिया गया था.
नागौर पुलिस ने नेपाल में डाला डेरा: सूत्रों के अनुसार, नागौर की एसआईटी ने पिछले दस दिनों से नेपाल के काठमाण्डू में डेरा डाल रखा था. अनूप ढावा, अक्षय उर्फ सचिन और लालू सैनी उर्फ चेतन के ठिकाने तक यह टीम पहुंच चुकी थी. उनकी गिरफ्तारी को लेकर जब वहां के प्रशासन से बात की गई तो मामला एम्बेसी और दूसरे देश के होने की वजह से अटक सा गया. नेपाल के जिम्मेदार अफसरों ने दिल्ली तक इस बाबत बात की. ये तीनों शातिर कई बरसों से फरार चल रहे थे. इनमें अनूप ढावा पर तो 25 हजार रुपए का इनाम तक घोषित था.
3 महीने लगातार की तलाश:इन तीन महीने में आईजी रुपिंदर सिंह और एसपी राममूर्ति जोशी के निर्देश पर एएसपी राजेश मीना और विमल सिंह के अलावा सीओ विनोद कुमार सीपा, खींवसर थाना प्रभारी अशोक बिसु, कोतवाली सीआई हनुमान सिंह समेत करीब एक दर्जन पुलिस अफसरों की अलग-अलग टीमें इनकी तलाश कर रही थी. कई-कई बार टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा, वो इसलिए भी कि संदीप उर्फ शेट्टी के शूटर बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे. हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में इनकी तलाश पहले ही हो चुकी थी. शुरुआती दौर में इन राज्यों की पुलिस ने भी नागौर पुलिस का सहयोग किया. दिवाली के बाद से नागौर की टीम अकेले इन फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी.