नागौर.इंदिरा गांधी फीडर और मुख्य नहर में मरम्मत, लाइनिंग कार्य करने के कारण हुई नहर बंदी से नागौर जिले में पानी की समस्या विकट न हो पाए. इसके लिए शनिवार को जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव नवीन महाजन के निर्देशों की पालना में जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में पेयजल से जुड़े अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई.
बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. सोनी ने नहर बंदी के कारण जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की स्थिति विकट ना हो. इसके लिए जल भंडारण की समुचित व्यवस्था किए जाने के एहतियाती निर्देश पेयजल से जुड़े अधिकारियों को दिए. उन्होंने कहा कि नागौर के दोनों बड़े जलाशय पूर्ण क्षमता से भरे जाए और इसके बाद भी अतिरिक्त जल नहर के माध्यम से प्राप्त हो तो उसे ऑयल कंपनी के टैंकरों के माध्यम से सामुदायिक बड़े कुंड और टांकों में भरकर रिजर्व कर लिया जाए.
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उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि कम जल आपूर्ति वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर जल परिवहन की व्यवस्था की जाए. साथ ही पानी का पूर्ण रूप से सदुपयोग हो और लाइनों के लिकेज की जांच पर्याप्त रूप से की जाए. डॉ. सोनी ने इस बात की खास हिदायत दी कि पानी चोरी के लिए गहनता से पेट्रोलिंग कर पुलिस मदद से अंकुश लगाकर कार्रवाई करे और जल बचत के लिए प्रत्येक रविवार को वाटर हॉलीडे भी रखा जाए. साथ ही आमजन जल बचत के महत्व को समझे. इसके लिए मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाए.
बैठक में पीएचईडी नागौर के मुख्य अभियंता ने आश्वस्त किया कि नागौर के दोनों जलाशयों को पूरी क्षमता के साथ आईजीएनपी को जल उपलब्धता के भरवाकर रखे जाएंगे. साथ ही नागौर में जलदाय महकमे में 150 क्यूसेक जल आपूर्ति किए जाने के प्रस्ताव विचाराधीन है. इसके साथ ही 200 पेयजल आपूर्ति के अनुरूप स्वीकृति और निर्माण अंतिम चरण में है. बैठक में नागौर स्थानीय के पेयजल विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.