कुचामनसिटी. राजस्थान विधानसभा चुनाव में दो हफ्तों से भी कम का समय बाकी है. कम समय होने की वजह से सियासत की बिसात पर शह और मात के खेल में सभी दलों की सक्रियता बढ़ गई है. राजनीतिक दल के स्टार प्रचारक भी मैदान में पहुंचने लगे हैं. इस बीच प्रदेश की नावां सीट शुरू से ही परिवारवाद और वंशवाद का गढ़ रहा है. नवगठित डीडवाना-कुचामन जिले की नावां विधानसभा सीट का इतिहास बेहद खास रहा है. यहां की सियासत 72 साल से सिर्फ चार परिवारों के इर्द गिर्द घूम रही है. अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस के 9 और भाजपा के पांच विधायक नावां से बन चुके हैं.
नावां विधानसभा क्षेत्र से चुने गए पहले विधायक कृष्ण लाल शाह यहां से लगातार दो बार विधायक रहे, इसके बाद उनका यह रिकॉर्ड रामेश्वर लाल चौधरी ने तोड़ा जो कि नावां विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी विजय सिंह चौधरी के पिता थे. रामेश्वर लाल चौधरी यहां से 1972, 1977 और 1980 में लगातार विधायक चुने गए. इसके बाद रामेश्वर लाल 1993 में भी जीते और विधानसभा पहुंचे. वहीं बीजेपी के हरिश्चंद्र ने भी चार बार विधानसभा चुनाव में जीत का परचम फहराया. 1985 और 1990 में हरिश्चंद्र लगातार दो बार चुनाव जीते. इसके बाद 1993 में उन्हें हार मिली, लेकिन 1998 और 2003 में हरिश्चंद्र फिर से लगातार दो बार चुनाव जीतने में कामयाब हुए. वहीं महेंद्र चौधरी के नाम भी दो बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है.
इन नेताओं को मिली सियासी विरासत:आज के दौर में भी दोनों प्रमुख पार्टियों के नेता अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं जहां हनुमान चौधरी के पुत्र महेंद्र चौधरी मौजूदा विधायक हैं. वहीं, 4 बार जीत हासिल करने वाले रामेश्वर लाल चौधरी के पुत्र विजय सिंह 2013 से 2018 तक विधायक रह चुके हैं.
2023 का विधानसभा चुनाव: इस बार का चुनाव बेहद ही रोमांचक रहने वाला है इसकी सबसे बड़ी वजह नागौर से अलग होकर नावां विधानसभा क्षेत्र के कुचामन डीडवाना में शामिल करने को लेकर है. हालांकि नए जिले बनने का जितना फायदा यहां के मौजूदा विधायक को हुआ है उतना ही अब नुकसान होता भी दिखाई पड़ रहा है. जिला मुख्यालय अस्थाई तौर पर डीडवाना में बनाए जाने को लेकर नावां की जनता में खासी नाराजगी है. कुचामनसिटी की जनता पिछले 42 साल से नए जिले की मांग कर रही थी. इस मांग को पूरा करवाने में महेंद्र चौधरी कामयाब तो हो गए, लेकिन अब जिला मुख्यालय को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुचामनसिटी को नया जिला बनाने की घोषणा तो कर दी. लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं किया.