नागौर. लोकसभा चुनाव के बीच हर सीट का अपना महत्व है. ऐसे में नागौर लोकसभा सीट सियासत का आखड़ा बन गई है. जब से खबर आई है कि ज्योति मिर्धा भाजपा का दामन थाम सकती हैं तब से ये सीट ज्योति मिर्धा बनाम हनुमान बेनीवाल हो गई है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि बेनीवाल कांग्रेस के साथ हाथ मिला सकते हैं.
दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस अभी तक अपने उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि गुरुवार को इलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद कांग्रेस की पहली लिस्ट आ सकती है. लेकिन, इससे पहले नागौर में सियासी भूचाल आया हुआ है. यहां से हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के कांग्रेस से गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं. कहा जा रहा है कि हनुमान बेनीवाल ने अपने लिए 3 सीटें मांगी थी. लेकिन, कांग्रेस ने नागौर की सीट पर हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोप से गठबंधन करने का निर्णय ले लिया है.
हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा आमने-सामने
हालांकि, इसमें कांग्रेस के सामने मुसीबत यह खड़ी हो गई है कि नागौर से कांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा इस पर मानने को तैयार नहीं हैं. हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा के बीच में चल रही सियासी उठापटक से कोई अछूता नहीं है. बीते लोकसभा चुनाव में हार के लिए भी ज्योति मिर्धा हनुमान बेनीवाल को ही जिम्मेदार ठहराती रही हैं और लगातार हर बैठक और सभा में हनुमान बेनीवाल पर सीधा हमला वो नागौर की धरती से करती रही हैं.
लेकिन, अब नई सियासी समीकरणों के अनुसार हनुमान बेनीवाल कांग्रेस से गठबंधन कर सकते हैं. ऐसे में हनुमान बेनीवाल को 3 नहीं लेकिन एक सीट दी जा सकती है और नागौर की सीट से हनुमान बेनीवाल की पार्टी के उम्मीदवार रिछपाल मिर्धा हो सकते हैं.
वहीं, अंदर खाने से खबर है कि हनुमान बेनीवाल से बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की मुलाकातें भी हो चुकी हैं और नागौर में आने वाली इस सियासी घटना का असर पूरी कांग्रेस पर भी पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. कहा जा रहा है कि इन खबरों के बाद ज्योति मिर्धा ने भाजपा से संपर्क साध लिया है और अगर नागौर से कांग्रेस उनका टिकट काटकर हनुमान बेनीवाल की पार्टी को देती है तो ऐसे में वह भाजपा का दामन थाम सकती हैं.
हालांकि, इसे लेकर अभी तक ना तो ज्योति मिर्धा की ओर से कोई बयान आया है और ना ही हनुमान बेनीवाल की ओर से. लेकिन, हनुमान बेनीवाल से गठबंधन करके कांग्रेस पश्चिमी राजस्थान की सीटों पर कंट्रोल कर सकती है और किसान मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर सकती है.
इधर, हनुमान बेनीवाल का एक समर्थक के साथ ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें हनुमान बेनीवाल अपने समर्थक को साफ कहते हुए नजर आ रहे हैं कि अगर कांग्रेस नहीं तो किसके साथ गठबंधन कर सकते हैं.