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नागौर विधायक ने सीएम राहत कोष में दिया एक माह का वेतन, कहा- जनहित में बिजली-पानी के बिल माफ करे सरकार - Global epidemic corona

कोरोना महामारी के इस जंग में अपनी भागीदारी निभाते हुए नागौर विधायक ने अपनी एक माह का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिए हैं. साथ ही उन्होंने सरकार से लॉकडाउन अवधि के बिजली-पानी के बिल जनहित में माफ करने की मांग की.

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नागौर विधायक मोहन राम चौधरी

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Published : May 27, 2021, 2:09 PM IST

नागौर. कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में सभी अपनी-अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. इसी क्रम में नागौर विधायक मोहन राम चौधरी ने कोरोना महामारी सहायतार्थ मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक माह का वेतन दिया है. गौरतलब है कि भाजपा के विधानसभा नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने कोरोना के सम्बंध में एक अपील की थी, उसके तहत नागौर विधायक मोहन राम चौधरी ने कोरोना महामारी में सहायतार्थ अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया है, ताकि प्रदेश सरकार को कोरोना महामारी के रोकथाम एवं इलाज करने में सहायता मिल सके.

नागौर विधायक मोहन राम चौधरी

नागौर विधायक मोहनराम की ओर से अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता की कोरोना महामारी के इलाज के लिए टीकाकरण और चिकित्सा उपकरण और दवाईयों के लिए विधायक कोष से पूर्व में तकरीबन दो करोड़ रुपए की राशि भी जारी की जा चुकी है. विधायक द्वारा आम जन से अपील की गई है कि कोरोना का बचाव ही उपाय है. अतः मास्क लगाये रखे और समय-समय पर साबुन से अपने हाथ धोएं, दो गज की दूरी बनाये रखे व कोरोना गाइडलाइन की पालना करें. ताकि हम सब सुरक्षित रह सके.

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उन्होंने कहा कि वे हर समय जनता के लिए उपलब्ध है. साथ ही मोहनराम चौधरी ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर लॉकडाउन अवधि में बिजली बिल माफ करने मांग की है. भारतीय जनता पार्टी जिला महामंत्री रमेश अपूर्वा ने बताया कि नागौर विधायक मोहनराम चौधरी द्वारा राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर मांग की गई है कि जन अनुशासन पखवाड़ा के तहत लॉकडाउन के कारण कपड़े की दुकान, इलेक्ट्रानिक, इलेक्ट्रिक, बिजली के उपकरण मरम्मत करने वालों की, दर्जी, नाई, हार्डवेयर, मोबाइल, जूते-चप्पल, बर्तन, स्वर्णकार आदि की दुकानें खुले.

कृषि मण्डी की दुकानें, मिठाई, कलर पेंटर्स, ऑटो मोबाइल्स एवं अन्य डिपार्टमेंटल स्टोर बंद होने के कारण इनका व्यवसाय ठप हो गया है, तथा यहां काम करने वाले मजदूर भी बेरोजगार हो गए हैं. इस कारण उन्हें अपने प्रतिदिन का घर खर्च चलाने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अतः लॉकडाउन अवधि के बिजली-पानी के बिल जनहित में माफ किए जाए.

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