नागौर. संपूर्ण कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट संपूर्ण रूप से लागू करने की मांग किसानों के बीच फिर से जोर पकड़ने लगी है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भी किसानों ने उनके साथ धोखा बताया है. वहीं तीन साल से कम उम्र के बछड़ों के बिक्री पर रोक हटाने और सहकारी ऋण जल्द जारी करवाने की मांग भी किसानों ने उठाई है.
अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले शुक्रवार को किसानों ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया. इसमें उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पूरी तरह से लागू करवाने, किसानों का सम्पूर्ण कर्जा माफ करने की मांग को लेकर एक बार फिर पुरजोर तरीके आवाज से उठाई है.
एक बार फिर आंदोलन के मूड में किसान किसानों का आरोप है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा कंपनी हर साल बदल जाती है. जो नुकसान होने पर किसानों को क्लेम देने में रुचि तक नहीं दिखाती है. किसान सभा के उपाध्यक्ष भगीरथ यादव का कहना है कि नरेंद्र मोदी ने किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी का वादा किया था लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया. साथ ही यह भी कहा कि सरकार द्वारा केवल किसानों को महज दो-दो हजार रुपए देकर खुश करने की कोशिश की गई है.
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नागौर जिले के स्थानीय मुद्दों जैसे तीन साल से कम उम्र के बछड़ों की बिक्री पर रोक हटाने, सभी किसानों को सहकारी बैंक से ऋण देने, ग्रामीण बैंकों में लोन हब की व्यवस्था बंद करवाने, किसानों को सहकारी ऋण वितरण जल्द शुरू करवाने और ऋण वितरण में सहकारी समितियों और सहकारी बैंकों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग भी किसानों ने की है. मांगें पूरी नहीं होने पर किसानों ने सड़क पर उतरकर विरोध करने की चेतावनी भी दी है.