नागौर. कौन कहता है आकाश में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछाले यारों....कवि दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियां यहां लिखनी इसलिए लाजमी हो गई कि राज्य के बड़े भूभाग वाले जिलों में शुमार नागौर में 979 सरकारी स्कूल ऐसे चिन्हित किए गए, जो स्थापना काल से ही विद्युतीकरण से वंचित रहे स्कूलों को विद्युतीकृत करवाने का जिम्मा उठाया यहां के जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने. जिला कलेक्टर की ये पहल रंग लाई. जिसके बाद जिले में चलाया गया यही अभियान उजास, अब राज्य भर में राॅल माॅडल बन चुका है.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभियान उजास की तर्ज पर पूरे राज्य की वे सरकारी स्कूलें, जो विद्युतीकरण से वंचित हैं, का चिन्हीकरण कर आगामी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस आशय को लेकर आयोजन विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने राज्य के सभी जिला कलक्टर को निर्देश जारी किए हैं कि नागौर जिले में चलाए जा रहे अभियान उजास की तर्ज पर राज्य के विद्युतविहीन विद्यालयों में भामाषाहों, ग्राम पंचायतों और यथा उपलब्ध विद्यालय कोष का उपयोग करते हुए विद्युत कनेक्षन उपलब्ध करवाए जाने हैं. इसके लिए सभी जिला कलक्टर अपने जिले के विद्युतीविहीन विद्यालयों का चयन कर उनका विद्युतीकरण करवाया जाना सुनिष्चित कराएं. मुख्यमंत्री के निर्देषों के बाद अब नागौर के अभियान उजास की तर्ज पर राज्य के अन्य जिलों की 11 हजार 154 सरकारी विद्युतविहीन स्कूलों में विद्युत कनेक्षन मुहैया हो सकेंगे.
यह भी पढ़ें.ऑनलाइन e-EPIC Card डाउनलोड करने के लिए 6 और 7 मार्च को लगाए जाएंगे विशेष शिविर
नागौर के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सम्पतराम ने बताया कि जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देषानुसार शुरू किए गए अभियान उजास में नागौर जिले की 979 विद्युतविहीन स्कूलों को चिन्हित किया गया था. कहीं विद्यालयों में यथा उपलब्ध विद्यालय कोष का उपयोग करते हुए तो कहीं भामाषाहों का सहयोग लेते हुए नागौर जिले में अभियान उजास के तहत चिन्हित की गई 979 सरकारी स्कूलों में अब तक 951 के विद्युतीकरण संबंधी कार्य हो चुके है, शेष विद्युतविहीन विद्यालयों के विद्युतीकरण को लेकर प्रक्रिया अंतिम चरण में है.