नागौर. बीकानेर के महाजन फायरिंग रेंज में भारत और फ्रांस की सेना के बीच चल रहे संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान टैंक टी 72 का बैरल फटने से सेना की आर्मर्ड कॉर्प की 90 रेजिमेंट में कार्यरत शब्बीर खान शहीद हो गए थे. मूल रूप से डीडवाना उपखंड के गांव दाऊसर के शब्बीर खान को शनिवार को लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी.
जानकारी के अनुसार शहीद शब्बीर खान टैंक के ड्राइवर थे और युद्धाभ्यास के दौरान टैंक का बैरल फटने से केबिन में धुंआ भर गया. जिससे दम घुटने की वजह से उनकी मौत हो गई. इस हादसे के बाद रेजिमेंट के जवानों ने जान की परवाह किए बगैर जलते टैंक से उनको बाहर निकाल कर बचाने की कोशिश की लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.
भारतीय सेना की आर्मर्ड कॉर्प की 90 आर्मर्ड रेजिमेंट में हवलदार के पद पर तैनात शब्बीर खान 2002 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. दाऊदसर गांव में जन्मे शब्बीर खान के पिता मजीद खान गांव में ही अपनी एक छोटी सी दुकान चलाते हैं. शब्बीर खान तीन भाइयों में सबसे छोटे थे उनसे बड़े दो भाई विदेश में रहते हैं. शहीद शब्बीर खान के पीछे उनकी पत्नी दौलत बानो और तीन बच्चे हैं. सबसे बड़ा बेटा असफाक है जिसकी उम्र 14 साल है और उसके बाद साहिल 10 साल का है, सबसे छोटी बेटी शाहीन है जो 8 साल की है.