नागौर. आगरा के ताजमहल से लेकर अबू धाबी की शेख जायेद मस्जिद तक अपनी सफेदी की चमक बिखेरने वाला मकराना का मार्बल उद्योग इन दिनों मंदी की गिरफ्त में है. इसका मुख्य कारण है सरकार की दोहरी कर व्यवस्था और दूसरी जगहों से निकलने वाले सफेद पत्थर से प्रतिस्पर्धा.
मकराना में मार्बल उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू कर वन नेशन वन टैक्स की व्यवस्था लागू की थी, जो मकराना में लागू नहीं हो रही है. मार्बल व्यापारी अजीज गहलोत का कहना है कि पहले मकराना के मार्बल पर 5 फीसदी वेट लिया जाता था. लेकिन जब से जीएसटी लागू किया गया है, मार्बल पर वसूले जाने वाले कर की दर 18 फीसदी हो गई है. ऐसे में सीधे तौर पर टैक्स में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है. इसके साथ ही मकराना मार्बल के तैयार माल पर रॉयल्टी भी देनी पड़ती है. इन दिनों रॉयल्टी की दर 462 रुपए प्रति टन है.