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महाराणा प्रताप जयंती: भाजपा विधायक ने कहा- अंग्रेज चले गए लेकिन उनकी गुलामी का निशान आज भी - maharana pratap jayanti celebrated at mewar

देश भर में आज यानि (6 जून) को राजपूत शासक महाराणा प्रताप सिंह की 479वीं जयंती का जश्न मनाया गया. इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवाने वाले वीर राजपूत महाराणा प्रताप मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे. प्रताप की जयंती के मौके पर देशभर में विभिन्न तरह के आयोजन किए गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

नागौर के मेड़ता सिटी में महाराणा प्रताप जयंती मनाई गई

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Published : Jun 6, 2019, 9:16 PM IST

नागौर. मेड़ता सिटी में गुरुवार को महाराणा प्रताप की जयंती धूमधाम से मनाई गई. ऐतिहासिक चार भुजानाथव और मीरा बाई के मंदिर से गाजे बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जो शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई कुंडल सरोवर पहुंची. सरोवर के जयमल्ल घाट पर आमसभा हुई. सभा में नागौर विधायक मोहनराम चौधरी सहित अन्य वक्ताओं ने पाठ्य-पुस्तकों में अकबर को महान बताने के कांग्रेस सरकार के फैसले का विरोध किया.

नागौर के मेड़ता सिटी में महाराणा प्रताप जयंती मनाई गई

विधायक मोहनराम चौधरी, जैतारण विधायक अविनाश गहलोत और संत बाबा निरंजन नाथ ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. वक्ताओं ने महाराणा प्रताप की जीवनी पर प्रकाश डाला. पाठ्य पुस्तकों में अकबर को महान बताने का विरोध जताया और कहा कि बच्चों को एक पक्षीय इतिहास पढ़ाया जा रहा है.

वक्ताओं ने महाराणा प्रताप के जीवन की विभिन्न घटनाओं के माध्यम से उनके त्याग, बलिदान और देशभक्ति के बारे में जानकारी दी. विधायक मोहनराम चौधरी ने कहा कि इस समय प्रदेश की सत्ता कांग्रेस के हाथ में है. वो चाहे जैसे कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अंग्रेज देश छोड़कर चले गए, देश आजाद हो गया. लेकिन गुलामी के निशान आज भी यहां मौजूद हैं.

सभा में राजसमंद के पूर्व सांसद स्वर्गीय हरिओम सिंह को भी याद किया गया. उन्होंने कुंडल सरोवर के विकास के लिए 25 लाख रुपए की स्वीकृति दी थी. इस मौके पर कुंडल सरोवर के किनारे जयमल्ल राठौड़ की प्रतिमा लगवाने सहित अन्य विकास कार्यों पर भी चर्चा की गई.

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