नागौर.सीमापार से आई टिड्डियां प्रदेश के दूसरे हिस्सों के साथ ही नागौर में भी लगातार कहर बरपा रही हैं. वहीं, आने वाले 2-3 महीनों में ये समस्या गंभीर होती दिख रही है, क्योंकि नागौर में कुछ जगहों पर इनके अंडे मिले हैं. ऐसे में सितंबर और उसके बाद जिले में टिड्डियों के ज्यादा बड़े हमलों की आशंका बनी हुई है.
गौरतलब है कि जिले में बीते ढाई महीने से लगातार टिड्डियों के हमले हो रहे हैं. कृषि विभाग और टिड्डी नियंत्रण मंडल किसानों की मदद से लगातार टिड्डियों को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहा है. लेकिन, इस कवायद में पूरी तरह सफलता नहीं मिल पा रही है. अब बारिश का मौसम शुरू होने के बाद ये समस्या विकराल रूप ले सकती है, क्योंकि बारिश में टिड्डियों का प्रजनन काल होता है और नागौर जिले में कुछ जगहों पर टिड्डियों के अंडे मिले हैं. नागौर जिले के झोरड़ा, डेह, सोमणा और गेलोली गांवों के आस-पास के रेतीले इलाकों के साथ ही डीडवाना के नवरंगपुरा के रेतीले इलाकों में भी टिड्डियों के अंडे मिलने लगे हैं.
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि एक टिड्डी 80 से 120 अंडे दे रही है और ये 3 बार अंडे देती हैं. ऐसे में अभी जितनी टिड्डियां जिलेभर में हमला कर रही हैं, उससे कई गुना ज्यादा नई टिड्डियां नई पैदा होने का खतरा है. कृषि विभाग अब तक 81607 हेक्टेयर प्रभावित क्षेत्र में से 18813 हेक्टेयर में ही टिड्डियों को नियंत्रित कर पाया है. बाकी बचे इलाके में किसान टिड्डियों को भगाने के लिए थाली या बर्तन बजाने पर मजबूर हैं.