नागौर. नगर परिषद नागौर में अब तक का सबसे बड़ा 2020-21 का बजट वित्त कमेटी के चेयरमैन मनोहर सिंह ने नगर परिषद की बजट बैठक में रखा. नागौर शहर के विकास और हर वार्ड में होने वाले कार्य और नई योजनाओं सहित पुरानी योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए बजट में विशेष स्थान दिया गया है. चार अरब 25 करोड़ 21 लाख का ध्वनि मत से बजट को पारित कर दिया गया है.
सभापति मांगीलाल ने कहा कि 40 वार्ड के समुचित विकास करवाने के लिए बजट में इस बार पूरा ध्यान रखा गया है. शहर को आकर्षण और सुंदर बनाने और उसके विकास के मद्देनजर बजट पेश किया गया है. शहर की सरकार नागौर नगर परिषद के बोर्ड की बैठक में बजट पर चर्चा के बजाय सदन मौजूदा मुद्दों पर घिर गया. बोर्ड पर कई पार्षद ने अपने वार्ड में विकास कार्य नहीं होने के आरोप भी लगाए है. प्रतिपक्ष की ओर से बजट बैठक में बोर्ड के कार्यकाल में खुलेआम भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है.
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वित्त कमेटी के चेयरमैन मनोहर सिंह ने कहा कि नागौर नगर परिषद क्षेत्र में बालवा रोड पर 150 बीघा, कृषि भूमि पर बसी नई कॉलोनी विकसित करने और सड़कें सीवरेज शहर में पेयजल व्यवस्था के लिए नई लाइनें बिछाने, स्वचछ भारत मिशन, अमृत सिटी योजना एनयूएलएम योजना, नागौर के जलभराव क्षेत्रों के निस्तारण के लिए इस बार बजट में प्रस्ताव लिए गए हैं.
इस बार सबसे ज्यादा पैसा सीवरेज, सड़क मरम्मत और निर्माण पर खर्च होंगे. दरअसल गत बजट दो अरब 1 करोड़ 61 लाख का पेश किया गया था. पिछली बजट बैठक में तय बजट टारगेट के मुताबिक परिषद ना तो पैसा जुटा पाई ना ही खर्च कर पाई. बजट बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष ओम प्रकाश सांखला ने शहर में बोर्ड की मॉनिटरिंग के अभाव में सीवरेज सिस्टम फेल होने का आरोप लगाया. वहीं जो सीवरेज लाइनें बिछाई गई थी वह शहर वासियों के लिए दर्द पैदा कर रही है.
वहीं अमृत जल योजना में 150 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से मिले थे. लेकिन ठेकेदार द्वारा लाइनें बिछाने में अनियमितता बरती गई है. सांखला ने बताया कि आज भी पुरानी लाइनों से नहरी पानी पहुंच रहा है. दूषित पानी की सप्लाई साथ में हो रही है क्योंकि नागौर के पुराने इलाकों में पेयजल की पुरानी लाइन है,जो कई सालों पहले से बिछाई गई थी. अब सीवरेज का गंदा पानी मिक्स होकर घरों तक सफाई हो रहा है और आम जनता भी परेशान है.