नागौर. श्मशान का नाम सुनते ही मन में डर सा बैठ जाता है. कोई उस तरफ जाने की कभी सोचता भी नहीं है. लेकिन जिले के लाडनूं शहर का श्मशान घाट किसी खूबसूरत पार्क से कम नहीं है. यहां के लोगों ने अपनी मेहनत से इस श्मशान घाट को एक दार्शनिक स्थल का रूप दे दिया है. परिसर में चारों तरफ लगे सुंदर पेड़-पौधे और फूल लगे हैं. इसके अलावा यहां सुबह-शाम बुजुर्ग और महिलाएं घूमने भी आते हैं.
करीब सात एकड़ में फैले लाडनूं के श्मशान घाट का बड़ा हिस्सा पार्क के रूप में विकसित कर दिया गया है. जबकि पीछे की तरफ एक हिस्सा सभी समाज के श्मशान घाट के लिए बनाया गया है. यहीं पर अंतिम संस्कार किया जाता है.
कृत्रिम पहाड़ और चिड़िया घर करते हैं आकर्षित
यहां पार्क में ही छोटा सा चिड़िया घर भी बनाया गया है. इसमें खरगोश, बतख और रंग-बिरंगी कई चिड़ियां भी मौजूद हैं. यहां आने वाले बच्चों को ये काफी आकर्षित करते हैं. श्मशान घाट की मुख्य सड़क से लगे हिस्से पर कृत्रिम पहाड़ बनाकर झरने बनाए गए हैं और इसे आकर्षक कलाकृतियों से सजाया भी गया है. खास बात यह है कि शहर और आसपास के गांवों के युवाओं के बीच यह जगह सेल्फी पॉइंट बनती जा रही है. सुनने में कुछ अटपटा जरूर लगेगा लेकिन लाडनूं आने वाला हर व्यक्ति यहां का श्मशान घाट देखने जरूर आता है.
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एक ही बड़े मैदान में अलग-अलग होता है हर वर्ग का अंतिम संस्कार
आमतौर पर छोटे कस्बों और शहरों में अलग-अलग वर्ग के श्मशान घाट भी अलग-अलग जगह होते हैं, लेकिन लाडनूं में अब एक बड़े मैदान में भिन्न-भिन्न समाज के लोगों के अंतिम संस्कार के लिए पक्की जगह तैयार की गई है. इस मैदान के बीचों-बीच भगवान शंकर की प्रतिमा स्थापित की गई है जहां रोज आरती होती है. श्मशान घाट का मुख्य द्वार भी आकर्षक बनाया गया है.