नागौर. जिलें में फेज-1 के तहत 486 गावों की तकनीकि स्वीकृति के लिए हर घर नल और हर घर जल पहुंचाने को लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय में मुख्य अभियंता दिनेश गोयल, अधीक्षण अभियंता महेंद्र प्रकाश सोनी और मोहन कड़ेला प्रस्ताव तैयार कर रहे है, जो 15 जून 2021 तक रिपोर्ट तैयार करेंगे.
जायल तहसील के जोचीना, रोटू, सोमाना, नोखा, जोधा, जाखन, खाटू बड़ी, राजोद के मेघवालो क़ी ढाणी, कड़वासरा की ढाणी सोनेली, तंवरा, रोटू, नाईको और मेघवाल वालो की ढाणियों में पानी की किल्लत से ग्रामीणों को कोरोना काल में परेशानी आ रही है. साथ ही जायल तहसील के 120 गावों के लिए बने तकनीकी नक्शे और डिजाइन को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और जिला परिषद के सदस्य डॉ. सहदेव चौधरी ने कार्यालय मे नहरी परियोजना से जुड़े अधिकारियों से मुलाकात करते हुए 120 गावों के लिए 31 पेयजल टंकियों को लेकर विस्तार से चर्चा की. गांवो के लिए बनाए गए कलस्टर को लेकर विस्तार में मंथन किया.
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता और जिला परिषद के सदस्य डॉ. सहदेव चौधरी ने कहा कि जो ढाणियां वंचित है उन्हें फेज-1 में जोड़ा जाए और जिलें के उपखंड अधिकारी और तहसीलदार से पास तकनीकि स्वीकृति पैंडिग है उस को लेकर नागौर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी से आग्राह किया कि प्रशासन शीघ्र ही रिपोर्ट को IMIS की बेसाइट पर अपडेट करें. वर्तमान में 793 ही ढाणियों की सूची अपडेट हुई है.
ब्लॉक और जिला जल संरक्षण योजना के विकास के लिए हर घर और ढाणियों तक जलदाय विभाग की टंकी से लाइजिग पाइप से घर-घर तक नहरी पानी पहुंचें. वही मुख्य अभियंता दिनेश गोयल चर्चा के दौरान समस्याओं को हल करवाने की बात कही. इस दौरान दिनेश गोयल ने बताया कि जायल तहसील के लिए 175 करोड़ की 120 गांव 244 ढाणियों की तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई है. वही लाडनू के 121 करोड़ की स्कीम बनाकर तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई है.
केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जल जीवन मिशन- हर घर जल 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में घरेलू नल जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की साझेदारी के साथ संचालित है. 2021-22 में जल जीवन मिशन के लिए 50,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है. मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में हर घर नल और हर घर जल पहुंचाने की बात कही थी. केंद्र सरकार ने जल संसाधन और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालयों को मिलाकर 'जल शक्ति मंत्रालय' बनाया है. इस मंत्रालय की जिम्मेदारी गजेंद्र सिंह शेखावत और रतन लाल कटारिया को सौंपी गई है.