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नागौर में चिंकारा हिरण के शव के साथ शिकारी गिरफ्तार

लॉकडाउन के दौरान नागौर जिले में 2 अलग-अलग चिंकारा हिरण शिकार के मामले सामने आए हैं. वन विभाग ने क्षेत्र में चौकसी बढ़ाते हुए दो मुकदमें दर्ज करते हुए दो शिकारियों को गिरफ्तार किया है. कोर्ट में पेश करने के बाद दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है.

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चिंकारा हिरण के शव के साथ शिकारी गिरफ्तार.

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Published : Apr 28, 2020, 6:33 PM IST

नागौर.लॉकडाउन के चलते एक तरफ लोग अपने घरों में बंद हैं, लेकिन नागौर में शिकारी इसका फायदा उठाकर आए दिन वन्यजीवों का शिकार कर रहे हैं. 26 अप्रैल को नागौर जिले के श्रीबालाजी थाना इलाके के चाऊ ग्राम पंचायत के गोलसर गांव में तीन शिकारियों ने रात्रि में अंधेरे का फायदा उठाकर चिंकारा हिरण का शिकार किया. इसकी जानकारी वन विभाग नागौर को मिली तो मौके पर रात्रि में पहुंचकर हिरण का शव सहित दो शिकारियों को दबोच लिया.

चिंकारा हिरण के शव के साथ शिकारी गिरफ्तार.
नागौर जिले के खींवसर थाना इलाके के पांचौड़ी थाना इलाके के भुडेल गांव में 27 अप्रैल को बाइक पर सवार होकर आए युवकों को विश्नोई समाज के लोगों ने एक शिकारी को रंगे हाथों दबोच लिया. साथ ही आरोपियों के कब्जे से मृत हिरण के शव को बरामद किया है. दोनों घटनाओं की जानकारी मिलने पर नागौर सीओ मुकुल शर्मा, जिला वन अधिकारी सुनील गौड़, पांचौड़ी थाना अधिकारी शंभू दयाल मीणा और वन विभाग के अधिकारी सहित वन्यजीव प्रेमी मौके पर पहुंचे.

मोर का भी हो रहा शिकार:
गौरतलब है कि, 6 दिन पूर्व नागौर जिले के गच्छीपुरा थाना इलाके के गत 4 अप्रैल को कुचेरा थाना इलाके के मोरों का शिकार किया गया था. नागौर वन विभाग के मुताबिक, हिरण शिकार की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नागौर उप वन संरक्षक ज्ञान चंद के नेतृत्व में नागौर के क्षेत्रीय वन अधिकारी धर्मेंद्र जायल क्षेत्रीय वन अधिकारी धर्माराम की संयुक्त टीमों का गठन किया गया है.

चिंकारा हिरण की खाल बरामद:
नागौर उप वन संरक्षक ज्ञान चंद ने बताया कि, गोलसर गांव में सुरजन सिंह राजपूत के घर दबिश के दौरान चिंकारा हिरण की खाल उतरवा शव बरामद किया गया है. आरोपी सुरजन सिंह और दिलीप सिंह राजपूत को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया गया है. वहीं भुडेल चिंकारा हिरण शिकार मामले में गुडा भगवानदास गांव के पास से एक शिकारी को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया है, जहां पर न्यायालय ने इन दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं.

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अधिनियम 1972 की धारा के तरह रिपोर्ट दर्ज:
जिला वन विभाग की ओर से वन्यजीव अपराध की रोकथाम और अवैध शिकार पर लगाम, वन्य जीव उत्पादों के अवैध व्यापार पर रोक के मकसद से वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा के तरह अलग-अलग थानों में मामले दर्ज किए हैं. जिले में शिकार की घटना को रोकने के लिए वन्यजीवों की रक्षा के लिए वन रेंज और उड़नदस्ता चौकियां स्थापित कर दी गई है, ताकि, शिकारियों पर लगाम लगाई जा सके और वन्यजीवों की रक्षा की जा सके

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