जयपुर.राजस्थान में चल रहे सियासी महासंग्राम के बीच शुक्रवार को राजभवन और सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गई. सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं, लेकिन राजभवन इसकी इजाजत नहीं दे रहा है. मामले को लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्यपाल और राजभवन के संदर्भ में दिए गए बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
बेनीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा राज्यपाल को लेकर इस तरह बयान देना लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है. उन्होंने अशोक गहलोत से आह्वान करते हुए कहा है कि अगर उनमें जरा सी भी नैतिकता बची हुई है तो वह स्वयं आगे आकर त्यागपत्र दें.
सांसद बेनीवाल ने ट्विट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने मीडिया के समक्ष जनता द्वारा राजभवन को घेरने की जो बात कही उससे साफ जाहिर है कि उनकी सरकार अल्पमत में है. मुख्यमंत्री बौखलाहट में राज्यपाल और राजभवन की गरिमा को भी भुला चुके हैं. सांसद ने कहा कि महामारी एक्ट प्रभावी है, ऐसे में पहले राज्य सभा चुनाव और अब विगत कई दिनों से विधायकों और मंत्रियो की पांच सितारा होटल में बाड़ाबंदी कर रखी है जो एक्ट का उल्लंघन है.
उन्होंने आगे लिखा है कि यह जाहिर करता है कि सीएम लोकतंत्र का मजाक उड़ा रहे हैं. उन्होंने गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार पांच सितारा होटलों से चल रही है. जनता काम के लिए त्रस्त है ऐसे में सरकार पूर्ण रूप से असंवैधानिक रूप से काम कर रही है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है. सांसद ने कहा कि आज सीएम गहलोत राजभवन का घेराव करने की बात कह रहे हैं. लेकिन अगर हमने आह्वान कर दिया तो जनता गहलोत को अपदस्थ करने के लिए सड़कों पर आ जायेगी.
उन्होंने जारी प्रेस बयानों में कहा कि टिड्डी से किसान त्रस्त है और सीएम गहलोत प्रदेश की जनता और किसानों को भगवान भरोसे छोड़कर लोकतंत्र की भावना से खिलवाड़ करके खुद की कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं.