नागौर. नागौर के लाडनूं में मणिपुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी के मैनेजर ने गरीब लोगों को अपने जाल में फंसाया, उनके दस्तावेज हासिल किए फिर लाखों का गोल्ड लोन उनके नाम पर ले अपनी जेब में डाल लिया (Fraud of 64 lakhs in Nagaur). करीब एक साल से ये खेल जारी था खुलासा इन Unclaimed गोल्ड्स की निलामी के दौरान हुआ.
जालसाजी का पता चलते ही फाइनेंस कंपनी (Manipuram Gold Loan Finance Company) के प्रबंधक विक्रम प्रताप सिंह ने 6 जुलाई 2022 को लाडनूं थाने में एक रिपोर्ट दी थी जिसमें उन्होंने कम्पनी के साथ हुई ठगी का जिक्र किया. उन्होंने लिखित रिपोर्ट में बताया कि मणिपुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी सोने के बदले पैसे उधार देती है. कम्पनी की लाडनूं शाखा में बैंक कार्मिकों और ग्राहकों द्वारा फाइनेंस कंपनी को 64 लाख का नुकसान पहुंचाया गया है. पुलिस ने प्रबंधक विक्रम सिंह की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की तो कई खुलासे हुए. पुलिस ने जांच के बाद मुख्य आरोपी श्याम सुंदर पुत्र कुंदनमल सोनी (निवासी नागौर) और फाइनेंस कंपनी के मैनेजर गणपत राम (पुत्र गोविंद मेघवाल, निवासी जोधपुर) को गिरफ्तार किया गया. दोनों ही आरोपियों से पूछताछ करने के बाद परत दर परत खुली.
64 लाख की धोखाधड़ी: पता चला कि मुख्य आरोपी श्याम सुंदर और फाइनेंस कंपनी के मैनेजर गणपत राम दोनों ने साथ मिलकर गरीब भोले-भाले लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी. उन्हें बहका कर सारे डॉक्युमेंट्स ले लिए. फिर उन्हीं के नाम से कंपनी में लोन उठा लिया. यही नहीं लोन पास होने के बाद गरीब ठेले चालकों और रेवड़ी वालों को 5 से 7 हजार रुपये थमा देते थे. उनसे कह देते थे कि आपको दस्तावेजों के बदले सरकारी योजना का फायदा मिला है और से रुपये सरकार ने दिए हैं.