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संत लिखमीदासजी महाराज स्मारक विकास संस्थान अमरपुरा में 5 दिवसीय कार्यक्रम का आगाज

नागौर के संत शिरोमणि श्री लिखमीदासजी महाराज स्मारक विकास संस्थान अमरपुरा में पांच दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इस दौरान राज्य भर की प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया.

नागौर की खबर, राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह , State level talent honor ceremony
नागौर में पांच दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत

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Published : Dec 1, 2019, 5:24 PM IST

नागौर.संत शिरोमणि श्री लिखमीदास जी महाराज स्मारक विकास संस्थान अमरपुरा नागौर में पांच दिवसीय कार्यक्रम का आगाज हुआ. वहीं, कार्यक्रम के पहले दिन माली सैनी समाज का राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया.

नागौर में पांच दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत

जिसमें शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाओं का सम्मान किया गया. साथ ही राजनीति और समाज के शीर्षस्थ रूप से काम करने वाली प्रतिभाएं भी सम्मानित हुईं. शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिभा सम्मान समारोह में 10वीं, 12वीं, स्नातक और अधिस्नातक में सर्वाधिक अंक लाने वाले छात्र छात्राएं सम्मानित किए गए.

साथ ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को माली सैनी समाज के छात्र-छात्राओं को 6 स्वर्ण, 6 रजत और 6 कांस्य पदक प्रदान किए गए. अमरपुरा में संत लिखमीदास जी महाराज स्मारक और देव मंदिर लोकार्पण के तीसरे पाटोत्सव के अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष राजेन्द्र गहलोत, नगर परिषद सभापत मांगीलाल भाटी, माली समाज के अध्यक्ष रामस्वरूप पवार, भामाशाह कृपाराम गहलोत, पुखराज सांखला सहित प्रदेश भर के समाज से जुड़े लोग मौजूद रहे.

संस्थान के अध्यक्ष राजेंद्र गहलोत ने बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कहा कि आधुनिक युग में समाज का शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक रूप से मजबूत होना अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल में कई बार उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है, जिससे वे भटक जाते हैं. वहीं उन्होंने अमरपुरा संस्थान में चलाए गए पौधरोपण की सराहना की और हरसंभव मदद का विश्वास दिलाया.

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सभापति मांगीलाल भाटी ने कहा कि प्रतिभा वैसे तो किसी परिचय की मोहताज नहीं है. लेकिन, मेरा मानना है कि प्रतिभाओं का सम्मान अवश्य होना चाहिए. जिससे प्रतिभाओं की हौसलाअफजाही होने से वे निरंतर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ते रहते हैं. इससे परिवार के साथ-साथ देश-प्रदेश सहित अपने शहर का भी नाम रोशन होता है. प्रतिभाओं को पढ़ाई-लिखाई और जिसमें उनकी रूचि हो, उस कार्य में पूर्णतया सहयोग करना चाहिए, जिससे उस बालक-बालिका की आशाएं पूरी हों और वे निरंतर तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ते रहें.

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