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नागौर कृषि मंडी में पसरा सन्नाटा, फसलों के बेचने के लिए बाजार का रूख कर रहे किसान

नागौर जिले में मंडी और समर्थन मूल्य केंद्र के भाव में ज्यादा अंतर नहीं होने की वजह से किसान अब बाजार का रूख कर रहे हैं. बता दें कि चने का समर्थन मूल्य 4620 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि बाजार में 4400 रुपए प्रति क्विंटल या उससे भी अधिक दाम मिल जाता है. जिसकी वजह से किसान समर्थन मूल्य केंद्र पर जाने से बच रहे हैं.

नागौर कृषि मंडी में पसरा सन्नाटा

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Published : May 27, 2019, 9:28 PM IST

नागौर.जिले के किसान समर्थन मूल्य पर चने की फसल बेचने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं. 1 अप्रैल से 30 जून तक चलने वाली समर्थन मूल्य पर चने की खरीद के लिए केवल 97 किसानों ने टोकन कटवाया है. जबकि खरीद केंद्र पर महज 14 किसान ही पहुंचे हैं. जिनसे 547 कट्टे चने की खरीद समर्थन मूल्य पर की गई है. इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि चने के समर्थन मूल्य और मंडी भाव में ज्यादा अंतर नहीं है.

फसलों को बेचने के लिए बाजार का रूख कर रहे किसान

जानकारों का कहना है कि चने का समर्थन मूल्य 4620 रुपए प्रति क्विंटल है. जबकि यदि किसान अपने चने की फसल मंडी में बेचता है तो उसे 4400 रुपए या उससे ज्यादा का भाव मिल जाता है. ऐसे में सरकारी खरीद और मंडी भाव में महज 200 रुपए का अंतर होने के कारण भी किसान अपनी फसल खरीद केंद्र पर बेचने नहीं आता है. क्योंकि यहां फसल बेचने से पहले पटवारी से गिरदावरी की नकल लेने और टोकन कटवाने तक में उसे कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं.

वहीं, सबसे अहम बात यह है कि समर्थन मूल्य पर फसल बेचने पर भुगतान कुछ दिन बाद होता है. इसलिए मंडी में फसल बेचकर किसान व्यापारी से तत्काल रुपए लेने को प्राथमिकता देता है. बता दें, इन दिनों चने और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद चल रही है. सरसों का समर्थन मूल्य 4200 रुपए है. जबकि मंडी में सरसों बेचने पर किसान को 3300-3400 रुपए प्रति क्विंटल भाव ही मिलता है. इसलिए किसान सरसों बेचने सरकारी खरीद केंद्र आ रहे हैं.

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