नागौर. भारतीय किसान संघ की ओर से बुधवार को डीडवाना के किसान विश्राम गृह में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें किसानों की समस्याओं और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. तहसील स्तरीय विचार गोष्ठी के बाद भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने SDM को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया.
इसमें बताया गया, कि किसान जब ऋण लेता है तो किसान की बोई गई फसल का बीमा कर रिकार्ड में लिया जाता है और कई साल तक उसी आधार पर बीमा का प्रीमियम काटा जाता है. किसानों को उसी आधार पर बीमा क्लेम मिलता है. जबकि किसान समय-समय पर फसल बदल-बदल कर बुवाई करता है. जिससे किसानों को अलग-अलग फसलों की कीमत के हिसाब से नुकसान ज्यादा हो जाता है.
नागौर में किसान गोष्ठी, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा किसान संघ ने मांग की है, कि प्रत्येक पंचायत स्तर पर कृषि पर्यवेक्षक, ग्रामसेवक और पटवारी से ही बोई जाने वाली फसल का बीमा कर बैंक में पेश किया जाना चाहिए. ताकि किसानों को नुकसान कम से कम हो सके.
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किसानों ने मुख्यमंत्री से ये मांग भी की है, कि फसल कटाई से पहले किसानों की खड़ी फसल की गिरदावरी रिपोर्ट तैयार कर भेजी जानी चाहिए. इस दौरान किसान संघ के सदस्य जयराम ओगरा ने कहा, कि समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी में सिर्फ 20 किसानों को ही प्रतिदिन तुलाई के लिए बुलाया जाता है. इसे बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने ये भी मांग रखी, कि बाजरे की भी समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होनी चाहिए.