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पत्नी को जिंदा जलाने के मामले में न्यायालय ने पति को सुनाई आजीवन कारावास की सजा - life imprisonment to husband in murder case

कुचामन सिटी के घाटवा में 6 वर्ष पहले रूह कंपा देने वाली घटना को अंजाम देने वाले आरोपी करण सिंह को बुधवार को अपर सेशन न्यायाधीश, कुचामन सिटी ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. करण सिंह ने आग लगाकर अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी.

पति को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
पति को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 14, 2023, 1:54 PM IST

पति को आजीवन कारावास की सजा

कुचामन सिटी.दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित करने के बाद आग लगाकर हत्या कर देने वाले आरोपी पति को नागौर जिले के कुचामन सिटी के एडीजे कोर्ट में न्यायाधीश सुंदर लाल खारोल ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामला नागौर जिले के चितावा थाना क्षेत्र के घाटवा का है. अपर लोक अभियोजक एडवोकेट दौलत खान ने बताया कि चितावा थाने में आईपीसी 498A और 302 में दर्ज दहेज हत्या के मामले में अपर सेशन न्यायाधीश सुंदर लाल खारोल ने धारा 302 के तहत आरोपी करण सिंह निवासी घाटवा को आजीवन कारावास के साथ एक लाख रुपए के अर्थ दंड का फैसला सुनाया है. इसके साथ ही धारा 498A के मुताबिक 3 साल के साधारण कारावास और 5000 रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया है. फैसले में जुर्माना राशि जमा होने के बाद मृतका के माता-पिता को बतौर क्षतिपूर्ति दिये जाने का आदेश दिया गया है.

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संतान नहीं होने पर करता था प्रताड़ित :अपर लोक अभियोजक एडवोकेट दौलत खान ने बताया की साल 2018 में 19 जुलाई को पुलिस थाना चितावा के एएसआई रेवन्त सिंह को चिरायु अस्पताल, कालवाड़ रोड जयपुर में इलाज के लिए भर्ती पीड़िता ने पर्चा बयान दिया कि उसके बच्चे नहीं होने के कारण उसका पति उसे शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था. 18 जुलाई, 2018 को शाम करीब 5:30 बजे उसका, पति करण सिंह से झगड़ा हुआ. इस दौरान उसके सास और ससुर घर पर नहीं थे.

पीड़िता ने बयान दिया था कि उसके उपर पति करण सिंह ने केरोसीन डालकर आग लगा दी, जिससे वह जल गई. उसके सास-ससुर का इसमें कोई दोष नहीं है. उसके पति द्वारा ही उसे जलाया गया है. पर्चा बयान के आधार पर पुलिस ने मामला र्दज कर जांच शुरू कर दी. इलाज के दौरान 31 जुलाई 2018 को पीड़िता विमला कंवर की मौत हो गयी. जांच के बाद आरोपी करण सिंह के खिलाफ धारा 498A,302 में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया. इस प्रकरण में 5 साल तक चले मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 18 गवाह पेश किए गए और 23 दस्तावेजों को भी पेश किया गया.

सास-ससुर को माना बेकसूर :जानकारी के अनुसार आरोपी करण सिंह झांसी में रहकर मजदूरी करता था तथा घटना से कुछ दिन पहले ही अपने गांव आया था. करण सिंह पत्नी के साथ अक्सर झगड़ा करता था. 18 जुलाई 2018 को झगड़े के बाद आरोपी ने इस घटना को अंजाम दियाा. विवाहिता को इलाज के लिए उसके सास-ससुर ने ही जयपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया था. विमला कंवर ने भी अपने दिए बयान में सास-ससुर को घटना में शामिल होने से इनकार किया था. इसलिए अदालत ने सास-ससुर को बेकसूर माना है.

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