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नागौर: सीजेएम कोर्ट ने एक सरपंच का निर्वचान रद्द करने का दिया आदेश

नागौर एसीजेएम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने नाम निर्देशन पत्र में अपराधिक तथ्यों को छिपाने का दोषी पाए जाने पर सरपंच का निर्वाचन रद्द करने का आदेश दिया हैं.

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Published : May 29, 2019, 10:02 PM IST

नागौर सीजेएम कोर्ट

नागौर. खींवसर में सरपंच चुनाव के नाम निर्देशन पत्र में छुपाए गए तथ्यों के मामले में एसीजेएम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. मामले में दोषी पाए जाने पर सरपंच का आयोग्य घोषित कर दिया गया है. निर्णय की प्रति जिला निर्वाचन आधिकारी को भेजने के आदेश दिए गए हैं.

नागौर में कोर्ट ने एक सरपंच का निर्वचान रद्द करने का दिया आदेश

मामला खींवसर पंचायत समिति क्षेत्र स्थित आंकला ग्राम पंचायत का है. जहां ग्राम पंचायत चुनाव में आंकला निवासी रामूराम जिसने पन्नाराम के सामने चुनाव लड़ा था. रामू राम ने अपने अधिवक्ता श्याम सुंदर व्यास के जरिए सरपंच पन्नाराम के विरुद्ध चुनाव में एक याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी. 2015 में सरपंच चुनाव के दौरान राम ने रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया और चुनाव जीत गया, लेकिन अपने नाम निर्देशन पत्र में अपने खिलाफ कोर्ट में विचाराधीन मामले को छुपाया और इसकी जानकारी RO अधिकारी से तथ्थों को छुपाई.

पन्नाराम के खिलाफ थाने में 2011 में धारा 341 और 325/149 चार्जशीट पेश हुई थी, लेकिन चुनाव के दौरान सभी तथ्थों को छुपाया गया. वहीं उसके खिलाफ जिला निर्वाचन आधिकारी ने 2015 मे पारिवाद मे सुनवाई तक नहीं की. मुख्य न्यायिक माजिस्ट्रेट नागौर के समक्ष परिवाद दाखिल किया. न्यायालय में सुनवाई के बाद अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश कुमार मीणा की कोर्ट ने धारा 43 पंचायती राज अधिनियम 1994. सपठित नियम 80 राज पचांयत राज निर्वाचन नियम 1994 के तहत पन्नाराम जाट सरपंच आंकला का निर्वाचन रद्द करते हुए रामुराम जाट को आंकला का सरपंच घोषित करने का फैसला सुनाया है. साथ ही निर्णय की कॉपी पंचायती राज निर्वाचन अधिनियम 1994 के नियम 87 (2) के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी नागौर को आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी गई है.

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