नागौर.अमरपुरा गांव में करीब 20 दिन पहले हुए तुलसीराम हत्याकांड के आरोपियों तक पहुुंचने के लिए पुलिस चार-पांच संदिग्धों की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराने के लिए अदालत में प्रार्थना-पत्र दाखिल करने जा रही है. अब तक की पड़ताल में हत्या की वजह जमीन विवाद को माना जा रहा है. इन संदिग्धों में तुलसीराम के साथ घायल हुए सुरेश मेघवाल के निकटतम शामिल हैं. नागौर जिले का संभवतया यह दूसरा मामला है. जनवरी में श्रीबालाजी थाना इलाके में हुई गुड्डी हत्या के आरोपी अनोपाराम की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट पहला मामला था. जिसकी रिपोर्ट भी एक-दो दिन में अदालत में पेश की जाएगी.
सूत्रों के अनुसार सदर थाना पुलिस अमरपुरा में हुए तुलसीराम हत्या के मामले में चार-पांच संदिग्धों के ब्रेन मैपिंग और नार्को जांच के लिए अदालत की स्वीकृति के लिए प्रार्थना-पत्र दाखिल करेगी. अब तक की पड़ताल में हत्याकांड का कोई ठोस सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है. जमीन विवाद की बात जरूर सामने आई है. इसीलिए पुलिस कुछ संदिग्धों के ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराने की अनुमति लेने जा रही है.
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कई दिनों तक इस जांच पर भी गतिरोध सा बना हुआ था, लेकिन शुक्रवार को माली समाज ने इस बात को हरी झण्डी दे दी कि हत्या के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस संदिग्धों की शीघ्र ब्रेन मैपिंग और नार्को जांच कराए. इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई और संभवतया सोमवार को इसके लिए वो अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल करेगी. तुलसीराम हत्याकाण्ड मामले में पुलिस पड़ताल जमीन विवाद के इर्दगिर्द घूम रही है.
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अमरापुरा में जिस जमीन पर बने कमरे की छत पर तुलसीराम व सुरेश मेघवाल पर हमला किया गया था, वो जमीन विवाद में बताई गई है. करीब एक 200 बीघा जमीन तुलसीराम के पुरखों में बंटी थी. इसमें 10-11 बीघा जमीन तुलसीराम व उसके भाइयों के पास आई थी. बताया जाता है कि कुछ समय पहले इस जमीन का कुछ हिस्सा बिका, किसी म्यूटेशन अथवा कागजों की पड़ताल को लेकर भी तुलसीराम को इन दिनों झांसा दिया जा रहा था. हालांकि अभी साफ तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि हत्या की वजह यही है. इस जमीन विवाद से जुड़े चार-पांच लोगों का ही पुलिस ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराने जा रही है।
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अनोपाराम की रिपोर्ट अदालत में होगी पेश: सूत्र बताते हैं कि श्रीबालाजी थाना इलाके में जनवरी में हुई गुड्डी हत्याकांड के आरोपी अनोपाराम को पकड़ने में पुलिस को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी, पर उसके लापता शव को लेकर उसका भी ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट तक कराना पड़ा. जून में जाकर ब्रेनमैपिंग और नार्को पूरा हुआ और अब रिपोर्ट आई है. यह रिपोर्ट कानूनी लाभ पुलिस को देगी. इस जांच रिपोर्ट में अनोपाराम के गुड्डी को काटने के साथ वहीं पटकने की बात कबूल हुई है. उसने नृशंसता से हत्या करने का भी संकेत दिया है. हालांकि हत्या के कुछ दिन बाद गुड्डी की खोपड़ी, एक हड्डी-जबड़ा मिल चुके थे. शव को कहां छिपाया, इसी रहस्य को जानने के लिए अनोपाराम की नार्को टेस्ट के साथ ब्रेन मैपिंग करवाई गई थी.
ये है तुलसीराम हत्याकांड:सदर थाना इलाके में अमरपुरा गांव स्थित एक खेत पर बने कमरे की छत पर 9 अगस्त की रात सो रहे खेत मालिक तुलसी राम भाटी (50) और सुरेश मेघवाल (25) पर अज्ञात बदमाशों ने धारधार हथियार से हमला बोला. तुलसीराम की मौत हो गई, जबकि सुरेश घायल हुआ और उपचार के बाद स्वस्थ हो गया. तब से पुलिस दिन-रात हमलावरों का सुराग लगाने में जुटी है. अब पुलिस कुछ संदिग्धों की ब्रेन मैपिंग व नार्को जांच कराने जा रही है. ताराचंद हत्याकांड में नागौर एसपी राममूर्ति जोशी का कहना है की हत्याकांड में 4 से ज्यादा संदिग्ध पुलिस की रडार पर है. मामला जमीन विवाद का ही लग रहा है. नार्को टेस्ट के बाद किसी नतीजे पर पुलिस पहुंच सकती है.