नागौर. शहर के ऐतिहासिक झड़ा तालाब में बोटिंग शुरू करवाने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके साथ ही नागौर में हेरिटेज टूरिस्म को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. नागौर के ऐतिहासिक झड़ा तालाब पर अब जिला प्रशासन और नगर परिषद ने मिलकर नाव चलाने की कवायद शुरू कर दी है.
नागौरवासी उठाएंगे बोटिंग का लुत्फ नगर परिषद के आयुक्त जोधाराम बिश्नोई का कहना है कि झड़ा तालाब के पास ही सिटी पार्क बनकर तैयार है. जहां कई आकर्षक पेड़-पौधे लगाए गए हैं. इसके साथ ही यहां बच्चों के खेलने के झूले और युवाओं के लिए ओपन जिम के उपकरण भी स्थापित किए गए हैं. इस पार्क में अब लोगों की चहल कदमी भी होने लगी है. अब इस स्थान के आसपास स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने की कवायद शुरू कर दी गई है. जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में झड़ा तालाब में बोटिंग शुरू करवाने और इस तालाब की पाल पर सेल्फी पॉइंट विकसित करवाने का फैसला लिया गया है.
झड़ा तालाब की की जा रही साफ-सफाई
आयुक्त बिश्नोई का कहना है कि इस संबंध में काम शुरू कर दिया गया है. फिलहाल, झड़ा तालाब में जो पानी है, वो काफी गंदा है. इसके साथ ही जहां कई झाड़ियां भी उगी हुई है. इसलिए पहले पानी की सफाई और झाड़ियां हटवाने का काम शुरू किया जाएगा. इसके बाद झड़ा तालाब में साफ पानी भरवाकर बोटिंग की सुविधा शुरू करवाई जाएगी. जिले के किसी भी तालाब में अब तक बोटिंग की सुविधा नहीं है.
पर्यटकों की संख्या में होगा इजाफा
नागौर के ऐतिहसिक झड़ा तालाब के पास ही वीर अमरसिंह राठौड़ की छतरियां हैं. जहां कोरोना काल से पहले कई पर्यटक घूमने आते थे. इन छतरियों के पास ही वीर अमरसिंह राठौड़ का पैनोरमा भी बना हुआ है. इस पैनोरमा में वीर अमरसिंह राठौड़ की बहादुरी और शौर्य को आकर्षक प्रतिमाओं के जरिए दर्शाया गया है. यहां भी सालभर में हजारों लोग आते हैं. ऐसे में झड़ा तालाब में बोटिंग शुरू होने और सेल्फी पॉइंट बनने से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी काफी इजाफा होने की उम्मीद बंधी है.
युवाओं के लिए ओपन जिम और कॉपी हट भी
साथ ही यहां युवाओं के लिए ओपन जिम और कॉफी हट भी बनकर तैयार है. इसके साथ ही कमल से आच्छादित झड़ा तालाब में कई जलीय पक्षियों जीवों का भी बसेरा है. ऐसे में बोटिंग करते हुए जलीय जीवों की क्रीड़ाओं को देखना और उन्हें कैमरे में कैद करना नागौर के लोगों के लिए एक अनूठा अनुभव होगा. इसके साथ ही स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) बनाकर राज्य सरकार को भेजी गई है.
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नगर परिषद के आयुक्त का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में नागौर के बाकी तालाबों को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है. ताकि स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. उनका कहना है कि डीपीआर भेजकर सरकार से इसके लिए बजट की मांग की गई है. सरकार से जो बजट मिलेगा उसके आधार पर अन्य तालाबों को भी पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना पर काम शुरू किया जाएगा.
नागौर के ऐतिहासिक दरवाजों का दीपावली से पहले होगा कायाकल्प
हर पुराने शहर की तरह नागौर में भी हैरिटेज टूरिस्म की काफी संभावनाएं हैं. यहां ऐतिहासिक महत्व के सात दरवाजे हैं. इनमें से कुछ दरवाजों की छत और दीवारें कमजोर हो गई हैं. कई ऐतिहासिक दरवाजे समय के साथ जीर्ण-शीर्ण भी हुए हैं. ऐसे में इनकी मरम्मत और रंग-रोगन की भी दरकार है.
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नगर परिषद के आयुक्त जोधाराम बिश्नोई का कहना है कि नागौर के सात ऐतिहासिक महत्व के दरवाजों की मरम्मत और रंग रोगन के लिए 12 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि इन ऐतिहासिक दरवाजों के मूल स्वरूप और हेरिटेज महत्व को बरकरार रखते हुए ही इनकी मरम्मत और रंग-रोगन का काम करवाया जाएगा. उनका कहना है कि दीपावली से पहले नागौर के सभी ऐतिहासिक दरवाजों की मरम्मत और रंग-रोगन का काम पूरा करवा लिया जाएगा.