नागौर. मूंडवा पंचायत समिति के 20 सरपंच विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर हैं. दो साल से अटका मनरेगा भुगतान दिलाने की मांग और पंचायतों की बार-बार जांच से परेशान होकर सरपंचों ने धरना दे दिया है. कड़ाके की ठंड में सप्ताह भर से धरने पर बैठे सरपंचों की तबीयत भी बिगड़ने लगी है. सोमवार को एक और सरपंच की तबीयत बिगड़ गई है. अब तक चार सरपंचों तथा सरपंच प्रतिनिधि को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है. इनमें से एक सरपंच की तबीयत अधिक खराब होने पर उन्हें आईसीयू में भी भर्ती करवाया गया है.
मूंडवा पंचायत समिति क्षेत्र की 31 ग्राम पंचायतों का है मामला
सभी 31 ग्राम पंचायतों के सरपंच 24 जनवरी से धरने पर बैठे हैं. इनमें से 20 सरपंचों ने अनशन कर रखा है. इन 20 सरपंचों में से 3 की तबीयत बीती रात खराब हो गई थी जिसके बाद उन्हें नागौर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इनमें से असावरी सरपंच मांगीलाल को आईसीयू में भर्ती करवाना पड़ा. आज इनाणा के सरपंच रुपाराम की तबीयत बिगड़ गई. उन्हें नागौर लाया गया है. अब तक चार सरपंच अस्पताल में भर्ती कराए जा चुके हैं. अनशन पर बैठे अन्य सरपंचों का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है. सरपंचों की मांग है कि सरकार मनरेगा का भुगतान करे.
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4 सरपंचों के सरपंच प्रतिनिधियों की तबीयत बिगड़ने के बाद आज सरपंचों में काफी गुस्सा भी दिख रहा है. सरपंचों का कहना है कि आखिर सरकार उनसे क्या चाहती है. क्या किसी सरपंच की जान जाएगी तब उनकी सुनवाई होगी. सरपंच धरने पर हैं फिर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. मूंडवा पंचायत समिति क्षेत्र की 31 ग्राम पंचायतों को बार-बार टारगेट करने का आरोप सरपंच पिछले कई दिन से लगा रहे हैं. सरपंचों का कहना है कि 2 साल से उनका भुगतान अटका हुआ है. उन्हें भुगतान नहीं दिया जा रहा है.
मंत्री जी हम आपसे माफी मांगते हैं
सरपंच संघ जिला संरक्षक पुखराज काला ने कहा कि मंत्री रमेश मीणा हमारे परिवार के मुखिया हैं. हमने कोई आंदोलन किया और उससे वह नाराज हो गए. हम उनसे माफी मांगते हैं. इससे बड़ी कोई बात नहीं होगी. तेलंगना में सरकार या अपनी मजबूरी में आकर 60 सरपंचों ने आत्महत्या की. वही बात राजस्थान में दोहराई जा रही है. अगर समय रहते सरकार नहीं चेती तो यहां भी सरपंच आत्महत्या करने को मजबूर होंगे.
21 ग्राम पंचायतों का भुगतान मंत्री जी ने रोक कर रखा है
इनाना गांव के सरपंच रूपाराम रोज का कहना है कि पिछले दो वर्षों से मनरेगा का भुगतान नहीं हुआ है. इसी कारण से हम अनशन पर बैठे हुए हैं. जब तक हमारा भुगतान और हमारी मांगें पूरी नहीं होती तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे. मेरे साथ मेरे 20 साथी भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. 31 पंचायतों का भुगतान अटका हुआ है. पूरे राजस्थान और पूरे नागौर जिले की पंचायतों का भुगतान हो चुका है, लेकिन हमारी मूंडवा की 31 पंचायतों का भुगतान नहीं हुआ है. मंत्री रमेश मीणा यह भुगतान करने भी नहीं देते हैं. हमारी ग्राम पंचायतों में विकास ज्यादा हुआ इसलिए उनको यह विकास पच नहीं रहा है. इस लिए वह हमारी पंचायतों का पैसा रोक कर बैठे है.